
Maha Kumbh: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता की झलक भी प्रस्तुत करता है। 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है। लेकिन इस धार्मिक आयोजन से पहले ही राजनीति गरमा गई है। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने महाकुंभ को लेकर एक विवादित बयान दिया है, जिसने राजनीतिक और धार्मिक हलकों में हलचल मचा दी है। चंद्रशेखर आजाद ने महाकुंभ को लेकर कहा, “महाकुंभ में वही लोग जाएंगे जिन्होंने पाप किए हैं।” उनके इस बयान से विवाद खड़ा हो गया हैं।
चंद्रशेखर के बयान पर शंकराचार्य का पलटवार
चंद्रशेखर आजाद के बयान पर पलटवार करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा, “‘तो उनका मतलब है कि महाकुंभ में सिर्फ पापी ही आते हैं? क्या वो महाकुंभ में आए हैं? हम अपनी आस्था के कारण यहां आए हैं और हम बहुत खुश हैं, इससे किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।’ दरअसल, सांसद चन्द्रशेखर आजाद गुरुवार को अपने ऊपर हुए हमले के मामले में पेश होने सहारनपुर की अदालत आए थे। चन्द्रशेखर ने इस दौरान कहा कि उनकी आजाद समाज पार्टी उन गरीबों और कमजोरों की लड़ाई लड़ रही है जिन्हें हजारों साल से धर्म और संप्रदाय के नाम पर अपमानित किया गया है।
#प्रयागराज में सांसद चंद्रशेखर आजाद के महाकुंभ को लेकर दिए बयान पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने प्रतिक्रिया दी।
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) January 11, 2025
उन्होंने कहा कि सांसद का मतलब यह था कि जो पापी होते हैं, वही महाकुंभ आते हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि क्या वह महाकुंभ में आए हैं?
स्वामी… pic.twitter.com/RdTSGJwPhU
क्या बोले चंद्रशेखर आजाद
दरअसल, संवाददाताओं से बात करते हुए सांसद चन्द्रशेखर आजाद ने गुरुवार को कहा था कि, “कुंभ मेले में वही लोग जाएंगे जिन्होंने पाप किए हैं। जिन्होंने पाप किए हैं, उन्हें ही जाना चाहिए। लेकिन क्या कोई यह बताता है कि कोई पाप कब करता है? हालांकि, चन्द्रशेखर आजाद ने अपने इस बयान पर विस्तार से बात नहीं की है। चंद्रशेखर ने आगे ये भी कहा कि वर्तमान समय में भी मीडिया, पुलिस प्रशासन और न्यायपालिका कमजोर तबके के खिलाफ खड़ी नजर आती है। सांसद चन्द्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी निशाना साधा है। चन्द्रशेखर ने कहा- “उत्तर प्रदेश में स्थिति बहुत खराब है। यहां जंगल राज है। मुख्यमंत्री तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। वह जो चाहते हैं, करते हैं। यहां कब किसकी जान चली जाए, पता नहीं। मुझे भी जान से मारने की कोशिश की गई।”
महाकुंभ पर राजनीति नहीं होनी चाहिए
ऐसे में चंद्रशेखर के बयान ने राजनीतिक और धार्मिक संगठनों के बीच खींचतान को बढ़ा दिया है। उनके इस बयान पर न केवल शंकराचार्य, बल्कि अन्य धार्मिक नेताओं और राजनेताओं ने भी नाराजगी जताई है। कई लोगों का मानना है कि महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। महाकुंभ 2025 का आयोजन विवादों के बीच शुरू हो रहा है, लेकिन यह आयोजन भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अनमोल हिस्सा है। यह आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है और इसमें करोड़ों लोग शामिल होते हैं।









