
वाराणसी- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मकरसंक्रांति से शुरू हो रहे महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए देश ही नहीं विदेश भर के अस्थावानों का जुटान शुरू हो गया है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु प्रयागराज संगम के साथ धर्म की नगरी काशी और अयोध्या की ओर भी रुख कर रहे है। शनिवार की शाम एप्पल के संस्थापक दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने काशी में अपना नामकरण करवाया। निरंजनी अखाड़ा के उनके गुरु आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशनंद गिरी ने उन्हें बेटी स्वीकार करते हुए कुलनाम व गोत्र के साथ – साथ कमला नाम दिया।

कमला बन एप्पल के संस्थापक की पत्नी ने लिया बाबा श्री काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद
वाराणसी में अपने नामकरण के बाद सबसे पहले एप्पल संस्थापक की पत्नी कमला के रूप बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ महामंडलेश्वर कैलाशनंद गिरी की मौजूदगी में मंदिर के अर्चकों ने कमला को दर्शन पूजन करवाया। वही बाबा श्री काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद लेकर कमला अपने आचार्य के साथ मोक्ष की नगरी के जीवंत दृश्य को देखने के लिए निकली। नौका से उन्होंने गंगा मार्ग से मणिकार्णिका घाट सहित प्राचीन नगरी की अलौकिक छटा को देखा। देर शाम दशाश्वमेध घाट पर होने वाली मां गंगा की विश्वप्रसिद्ध आरती में कमला शामिल हुई।

प्रयागराज महाकुंभ में करेंगी कल्पवास, आध्यात्मिक शांति की खोज
एप्पल के संस्थापक की पत्नी अपने नामकरण के बाद काशी आना सौभाग्य की बात कही। उन्होंने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ में वह कल्पवास करेंगी और साथ ही संतो के साथ रहकर आध्यात्मिक शांति की खोज करेंगी। महाकुंभ के दौरान वह पांच दिनों तक प्रयागराज में संगम तट पर रहेंगी। वही कमला को अपनी बेटी स्वीकार करने वाले स्वामी कैलाशनंद गिरी ने कहा कि कमला के नामकरण के बाद उन्होंने सभी के साथ बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन कर महाकुंभ की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा। उन्होंने बताया कि बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए उनके साथ अमेरिका से उनके शिष्य महर्षि व्यसानंदगिरी भी मौजूद रहे। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कमला के प्रयागराज कुंभ में कल्पवास किए जाने को लेकर कहा कि कल्पवास के अलावा यदि कमला 13 जनवरी को होने वाले अखाड़ों की पेशवाई में यदि शामिल होने की ईच्छा होगी तो शामिल होगी।
रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल









