Maha Kumbh: स्टीव जॉब्स का कुंभ पर लिखा पत्र 4.32 करोड़ में नीलाम, जानिए क्या था इसमें खास

"मैं कुंभ मेले के लिए भारत जाना चाहता हूं, जो अप्रैल में शुरू होता है। मैं मार्च में किसी समय जाऊंगा, हालांकि तक इसको लेकर निश्चित नहीं हूं।

Maha Kumbh: महाकुंभ 2025, जिसकी शुरुआत 13 जनवरी से हो चुका हैं। उसमें अब तक संगम में 5 करोड़ 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है। 26 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक लोगों के आने की संभावना जताई जा रही है। इस दौरान, स्टीव जॉब्स के एक विशेष पत्र ने सुर्खियां बटोरी हैं, जो हाल ही में नीलामी के दौरान 4.32 करोड़ रुपये में बिका है।

कुंभ मेला में भाग लेने की अपनी इच्छा का उल्लेख

यह पत्र, जो 1974 में लिखा गया था, स्टीव जॉब्स द्वारा अपने मित्र टिम ब्राउन को भेजा गया था। इस पत्र में जॉब्स ने कुंभ मेला और भारत में आध्यात्मिक यात्रा की ओर अपनी रुचि और आकर्षण को व्यक्त किया था। पत्र में जॉब्स ने कुंभ मेला में भाग लेने की अपनी इच्छा का उल्लेख किया और यह भी कहा कि वह मार्च में भारत जाने की योजना बना रहे हैं। यह पत्र जॉब्स के जीवन के एक दुर्लभ पक्ष को उजागर करता है, जिसमें उन्होंने अपने आध्यात्मिक पक्ष को साझा किया था।

“शांति, स्टीव जॉब्स”

यह पत्र, जिसे स्टीव जॉब्स ने अपने 19वें जन्मदिन पर लिखा था, एप्पल की स्थापना से दो साल पहले का है। इस पत्र में जॉब्स ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए लिखा, “मैं कुंभ मेले के लिए भारत जाना चाहता हूं, जो अप्रैल में शुरू होता है। मैं मार्च में किसी समय जाऊंगा, हालांकि तक इसको लेकर निश्चित नहीं हूं।” पत्र के अंत में उन्होंने “शांति, स्टीव जॉब्स” लिखा था, जो उनके आध्यात्मिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

भारी भीड़ के कारण लॉरेन को एलर्जी

अब, स्टीव जॉब्स की पत्नी, लॉरेन पॉवेल जॉब्स, महाकुंभ 2025 में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंची हैं। उन्होंने और उनकी 40 सदस्यीय टीम ने ध्यान, क्रिया योग, और प्राणायाम जैसी आध्यात्मिक प्रथाओं में भाग लिया है। स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन्हें हिंदू नाम ‘कमला’ दिया है। हालांकि, भारी भीड़ के कारण लॉरेन को एलर्जी हो गई है और इसी कारण उन्होंने मकर संक्रांति पर संगम में डुबकी नहीं लगाई।

भारत के प्रति उनका प्रेम

ऐसे में ये पत्र न केवल स्टीव जॉब्स के जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू को दर्शाता है, बल्कि यह उनके आध्यात्मिक जुड़ाव और भारत के प्रति उनके प्रेम को भी उजागर करता है। इसके साथ ही, यह जॉब्स के व्यक्तिगत जीवन और उनके विचारों के बारे में एक नई रोशनी डालता है।

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