
Mauni Amavasya: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या के स्नान को लेकर अचानक बढ़ी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। घटना 11 से 17 नंबर पोल के बीच हुई, जहां एकाएक बढ़ती भीड़ के दबाव के कारण स्थिति भयावह हो गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 50 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उन्हें महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे में 17 लोगों की मौत की खबर है, हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।
कब हुई घटना?
यह हादसा रात करीब 1 बजे हुआ, जब संगम पर मौनी अमावस्या के स्नान को लेकर अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी। लोग मुख्य संगम पर ही स्नान करने की जिद करने लगे, जिससे भीड़ में धक्का-मुक्की होने लगी। स्थिति इस हद तक बिगड़ी कि बैरिकेटिंग टूटने लगे और महिलाओं के दम घुटने लगे। इस दौरान भगदड़ मचने से चारों ओर चीख-पुकार मच गई और कई लोग गिरकर घायल हो गए।
प्रशासन का रेस्क्यू ऑपरेशन
हादसे के बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू में लाने की कोशिश की। दर्जनों एंबुलेंस की मदद से घायलों को अस्पताल भेजा गया और घटना स्थल को तुरंत खाली कराया गया, जहां श्रद्धालुओं के चप्पल और सामान बिखरे पड़े थे।
अखाड़ा परिषद का बड़ा फैसला
इस घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की कि अब मौनी अमावस्या के दिन कोई भी अखाड़ा अमृत स्नान नहीं करेगा। इस फैसले से सभी 13 अखाड़ों का स्नान रद्द कर दिया गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे शांतिपूर्वक स्नान करें और किसी भी प्रकार की भगदड़ से बचने के लिए संयम बनाए रखें।
मौनी अमावस्या का विशेष महत्व
महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व होता है, इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं। इस दिन संगम पर स्नान को लेकर विशेष आस्था और धार्मिक महत्व है, जिस कारण देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं। हालांकि इस बार बढ़ती भीड़ ने स्थिति को और जटिल बना दिया और यह भयावह घटना घटी।









