
उत्तर प्रदेश में शराब की बिक्री को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने नई आबकारी नीति 2025-26 को लागू करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई। इस नई नीति के तहत अब सभी प्रकार की शराब, जैसे कि देशी, विदेशी, बीयर और वाइन, एक ही दुकान पर मिल सकेंगी। इन दुकानों को ई-लॉटरी सिस्टम के माध्यम से लाइसेंस दिया जाएगा और पुराने लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं होगा।
प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस के रिन्यूअल
नई नीति के जरिए प्रदेश सरकार का 55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 4000 करोड़ रुपये अधिक है। प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस के रिन्यूअल के लिए 25 लाख रुपये वार्षिक फीस निर्धारित की गई है। कोई भी व्यक्ति, फर्म या कंपनी अब दो से अधिक लाइसेंस नहीं ले सकेगी। पहली बार, कंपोजिट दुकानों को भी लाइसेंस जारी किया जाएगा, जहां सभी प्रकार की शराब एक जगह मिल सकेंगी।
60 और 90 एमएल की बोतलों में बिकेगी शराब
नई नीति में कई अहम बदलाव किए गए हैं। मॉल्स और मल्टीप्लेक्स में प्रीमियम ब्रांड की दुकानों को अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन सक्षम स्तर से अनापत्ति मिलने पर एयरपोर्ट, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर प्रीमियम रिटेल की दुकानें खुल सकती हैं। इसके अलावा, विदेशी शराब अब 60 और 90 एमएल की बोतलों में भी बिक सकेगी।
शराब में मिलावट की आशंका
नई नीति के तहत निजी उपयोग के लिए शराब खरीदने के लिए एक व्यक्तिगत होम लाइसेंस की सुविधा को सरल बनाया गया है। इसके लिए सालाना 11 हजार रुपये की फीस और 11 हजार रुपये की सिक्योरिटी जमा करनी होगी। इस लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले को तीन साल से लगातार आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा। इसके साथ ही, अब से देशी शराब एसेप्टिक ब्रिज पैक में भी उपलब्ध होगी, जिससे शराब में मिलावट की आशंका कम हो जाएगी।









