Lucknow: MBBS में फेल छात्रों को पास कराने का खेल, 10 लाख की रिश्वत लेकर अयोध्या में हुआ घोटाला!

RML अवध विश्वविद्यालय के विभिन्न परीक्षा नियंत्रक और कुलसचिवों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं, क्योंकि उनका कार्यकाल 2013 से 2020 तक..

Lucknow: उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें MBBS के फेल छात्रों को रिश्वत देकर पास कराने का खुलासा हुआ है। इस मामले में आरोप है कि सैकड़ों छात्रों से पांच से दस लाख रुपये लेकर उन्हें स्क्रूटनी के जरिए पास करवा दिया गया। जैसे ही इस मामले का खुलासा हुआ, उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की।

मामले की जांच अयोध्या के डीएम को सौंपा गया

प्रशासन के विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी की ओर से एक पत्र भेजा गया है, जिसमें अयोध्या के डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वह इस मामले की पूरी तरह से जांच करें और 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। पत्र में कहा गया है कि डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (RML) में 2013 से 2020 के बीच हुई अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की जांच की जाए।

क्या है मामला?

इस जांच के अनुसार, फेल छात्रों को पास करने के लिए रिश्वत ली जाती थी। छात्रों से पांच से दस लाख रुपये लेकर उनकी स्क्रूटनी में 20 से 60 अंक बढ़ाकर उन्हें पास कर दिया जाता था। यह प्रक्रिया तब होती थी जब छात्रों की परीक्षा में अंक कम आते थे और उन्हें पास करने के लिए रिश्वत दी जाती थी। इतना ही नहीं परीक्षा केंद्रों के चयन में भी रिश्वतखोरी और मनमानी की गई थी। आरोप है कि परीक्षा केंद्र बनाने के लिए भी भ्रष्टाचार हुआ और इसके लिए भी कई लोगों ने रिश्वत ली।

जांच में सामने आए हैं गंभीर आरोप

बाराबंकी के डीएम ने इस मामले की जांच की थी और रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गौर किया था। RML अवध विश्वविद्यालय के विभिन्न परीक्षा नियंत्रक और कुलसचिवों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं, क्योंकि उनका कार्यकाल 2013 से 2020 तक था। इस दौरान कई फेल छात्रों को पास करने के मामले सामने आए हैं। रामतीरथ, एक बाराबंकी निवासी, ने इस मामले को उजागर किया था और पिछले साल नवंबर में बाराबंकी के डीएम से शिकायत की थी। इसके बाद, मंडल स्तर पर विस्तृत जांच की सिफारिश की गई थी। हालांकि, शासन ने अब इस मामले की अयोध्या डीएम से जांच करवाई है।

क्यों जरूरी है यह जांच?

यह जांच इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि MBBS जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस प्रकार का भ्रष्टाचार देश के स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को प्रभावित करता है। यदि यह भ्रष्टाचार और अनियमितताएं साबित होती हैं, तो न केवल फेल हुए छात्रों का भविष्य खराब हुआ है, बल्कि उन छात्रों के लिए भी खतरा हो सकता है जो इन पास छात्रों के साथ चिकित्सा क्षेत्र में काम कर रहे हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इसे पूरी तरह से जांचने का निर्देश दिया है।

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