Milkipur Byelection Result: चार सौ बीसी नहीं चलेगी…अखिलेश ने BJP पर लगाए गंभीर आरोप

एक-एक करके सबका सच सामने आएगा। न क़ुदरत उन्हें बख़्शेगी, न क़ानून। भाजपाई उनका इस्तेमाल करके छोड़ देंगे, उनकी ढाल नहीं बनेंगे। जब उनकी नौकरी..

Milkipur Byelection Result: मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) की हार लगभग तय हो चुकी है। 29वें राउंड की गिनती पूरी हो चुकी है, और बीजेपी प्रत्याशी चंद्रभान पासवान 60,936 वोटों से आगे चल रहे हैं। ऐसे में साफ है कि सपा इस सीट को गंवा चुकी है।

अखिलेश यादव का BJP पर हमला

मिल्कीपुर उपचुनाव में हार के संकेत मिलने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर चुनावी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: पीडीए की बढ़ती शक्ति का सामना भाजपा वोट के बल पर नहीं कर सकती है, इसीलिए वो चुनावी तंत्र का दुरुपयोग करके जीतने की कोशिश करती है। ऐसी चुनावी धांधली करने के लिए जिस स्तर पर अधिकारियों की हेराफेरी करनी होती है, वो 1 विधानसभा में तो भले किसी तरह संभव है, लेकिन 403 विधानसभाओं में ये ‘चार सौ बीसी’ नहीं चलेगी। इस बात को भाजपावाले भी जानते हैं, इसीलिए भाजपाइयों ने मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला था।

चुनावी घपलेबाजी का अपराध

इसके आगे अखिलेश ने लिखा, पीडीए मतलब 90% जनता ने ख़ुद अपनी आँखों से ये धांधली देखी है। ये झूठी जीत है, जिसका जश्न भाजपाई कभी भी आईने में अपनी आँखों-में-आँखें डालकर नहीं मना पाएंगे। उनका अपराधबोध और भविष्य में हार का डर उनकी नींद उड़ा देगा। जिन अधिकारियों ने चुनावी घपलेबाजी का अपराध किया है वो आज नहीं तो कल अपने लोकतांत्रिक-अपराध की सज़ा पाएंगे।

अपमान की ज़िंदगी की सज़ा अकेले भुगतेंगे

साथ ही अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि, एक-एक करके सबका सच सामने आएगा। न क़ुदरत उन्हें बख़्शेगी, न क़ानून। भाजपाई उनका इस्तेमाल करके छोड़ देंगे, उनकी ढाल नहीं बनेंगे। जब उनकी नौकरी और पेंशन जाएगी तो वो अपने बच्चों, परिवार और समाज के बीच अपमान की ज़िंदगी की सज़ा अकेले भुगतेंगे। लोकसभा चुनावों में अयोध्या में हुई पीडीए की सच्ची जीत, उनके मिल्कीपुर के विधानसभा की झूठी जीत पर कई गुना भारी है और हमेशा रहेगी।

BJP के ‘मिशन मिल्कीपुर’ की बड़ी तैयारी

भाजपा ने मिल्कीपुर सीट पर जीत के लिए जबरदस्त रणनीति बनाई थी। पार्टी की इस जीत को सीएम योगी आदित्यनाथ की निगरानी में चले ‘मिशन मिल्कीपुर’ की बड़ी सफलता माना जा रहा है। नवंबर में हुए 9 उपचुनावों में जहां हर सीट पर 3 मंत्री लगाए गए थे, वहीं मिल्कीपुर में 5 मंत्री तैनात किए गए। सीएम योगी खुद इस सीट पर नजर बनाए हुए थे और कई दौरों पर यहां आए। बूथ लेवल पर बीजेपी ने मजबूत पकड़ बनाई और मतदाताओं को साधने के लिए माइक्रो मैनेजमेंट किया।

सपा ने भी झोंकी थी ताकत, फिर भी हार

मिल्कीपुर जीतने के लिए सपा ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 3 फरवरी को रोड शो और जनसभा की थी। वही सपा सांसद अवधेश प्रसाद कई महीनों से डेरा डाले हुए थे। इसेक साथ ही सपा की स्टार प्रचारक डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और प्रिया सरोज ने भी रोड शो और सभाएं कीं और क्रिकेटर रिंकू सिंह की होने वाली पत्नी और मछलीशहर की सांसद प्रिया सरोज भी प्रचार में उतरीं।

क्या सपा के लिए खतरे की घंटी?

मिल्कीपुर में बीजेपी की इस ऐतिहासिक जीत ने समाजवादी पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। यह हार सपा के मजबूत गढ़ में आई है, जिससे 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के लिए बड़े संकट के संकेत मिल रहे हैं। अब देखना यह होगा कि सपा इस हार से सबक लेकर 2027 की रणनीति कैसे तैयार करती है।

Related Articles

Back to top button