
Mahakumbh 2025: प्रयागराज के महाकुंभ मेले में माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। यह महाकुंभ का पांचवां महत्वपूर्ण स्नान पर्व है, जिसे लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह हैं। वही सीएम योगी आदित्यनाथ सुबह 4:00 बजे से ही कंट्रोल रूम में मौजूद हैं। उन्होंने पांच कालिदास मार्ग स्थित सीएम सचिवालय में बनाए गए कंट्रोल रूम से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। कंट्रोल रूम में डीजीपी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी उपस्थित हैं। माघी पूर्णिमा के सफल आयोजन को लेकर सभी विभाग अलर्ट पर हैं।
स्नान के शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:19 बजे से 6:10 बजे तक
- दूसरा मुहूर्त: सुबह 7:02 बजे से 8:25 बजे तक
- तीसरा मुहूर्त: सुबह 8:25 बजे से 9:49 बजे तक
- अमृत काल: शाम 5:55 बजे से 7:35 बजे तक
इन शुभ मुहूर्तों में स्नान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। माघ पूर्णिमा पर स्नान और दान का विशेष महत्व है, जिससे पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। इस बार ग्रहों और नक्षत्रों के अद्भुत संयोग ने इस स्नान को और भी विशेष बना दिया।
संगम पर विशेष पुष्पवर्षा
महाकुंभ में माघ पूर्णिमा स्नान के अवसर पर संगम में श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई। यह विशेष पुष्पवर्षा सुबह 8 बजे संगम क्षेत्र पर शुरू हुई। इस अद्भुत दृश्य ने श्रद्धालुओं के उत्साह को और भी बढ़ा दिया।
वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित
कुंभ मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्नान घाटों और मेला क्षेत्र में पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
कल्पवासियों की विदाई
माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही कल्पवासियों का महाकुंभ से विदाई का समय भी आ गया। कल्पवासी अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं। वही सुबह 6 बजे तक लगभग 73.60 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया, जिनमें से 10 लाख से अधिक कल्पवासी थे। अब तक कुल 46.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं।
सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं
महाकुंभ में सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। स्नान पर्व के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को तैनात किया गया है। माघ पूर्णिमा स्नान पर्व पर महाकुंभ का यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया। श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।









