डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत, हॉस्पिटल प्रशासन बोला- पैसा दो तब देंगे लाश, पीड़ित पति ने किया सुसाइड

केआई हॉस्पिटल में महिला की मौत के बाद पति ने अस्पताल के बाहर आत्महत्या की। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित होने पर सील किया। मामला जांच के तहत है।

अलीगढ़ के थाना क्वार्सी इलाके में स्थित केआई हॉस्पिटल में इलाज के दौरान महिला की मौत और उसके बाद पति द्वारा अस्पताल के बाहर आत्महत्या की घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। यह घटना न केवल महिला की मृत्यु के कारण दुखद है, बल्कि इसके बाद के घटनाक्रम ने अस्पताल की लापरवाही और अमानवीय व्यवहार को भी उजागर किया है।

पत्नि की मौत के गम और अस्पताल द्वारा बकाया भुगतान की मांग से परेशान दीपू, जो कि अतरौली के सिमथला गाँव का निवासी है, ने अस्पताल के बाहर अपनी जान दे दी। दीपू की पत्नी रेखा को पेट में दर्द की शिकायत के बाद 16 फरवरी को अलीगढ़ के इस निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। रेखा का ऑपरेशन किया गया, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने ना केवल इलाज में कोताही बरती, बल्कि मृतका के शव को परिजनों को देने से भी इंकार किया और बकाया भुगतान की मांग की।

महिला की मौत के बाद जब दीपू को अस्पताल स्टाफ ने पैसे देने के लिए दबाव डाला, तो वह मानसिक रूप से परेशान हो गया। हॉस्पिटल के बाहर दीपू ने एक वाहन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली, जिससे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। इस घटना के बाद अस्पताल में हंगामा मच गया, और परिजनों व स्थानीय ग्रामीणों ने गुस्से में आकर अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी तृतीय अभय कुमार पांडेय और पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को संभाला, जबकि हॉस्पिटल स्टाफ और डॉक्टर मौके से फरार हो गए। स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिलने के बाद तत्काल कार्रवाई की गई और अस्पताल को सील कर दिया गया।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केआई हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहा था, जिससे इसे सील किया गया। स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ दिनेश खत्री ने बताया कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन पिछले एक साल से नवीनीकरण नहीं हुआ था, और इसे अवैध रूप से चलाया जा रहा था। इस मामले में अस्पताल संचालक डॉ. अब्दुल्ला ने अधिकारियों को गुमराह करते हुए दावा किया कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन सही है, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को बिना रजिस्ट्रेशन के चलते सील कर दिया।

इस घटना से जुड़ी जानकारी के अनुसार, रेखा को पेट में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां ऑपरेशन के बाद उसकी मौत हो गई। मृतका के पति दीपू ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के बाद अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से पत्नी की मौत हुई। इसके अलावा, अस्पताल के स्टाफ ने मुआवजा देने के बजाय पैसों की मांग की और मृतक के शव को भी बिना किसी संवेदनशीलता के रख लिया।

इस दुखद घटना के बाद प्रशासन ने कार्रवाई की है और मामले की जांच शुरू कर दी है। क्षेत्रीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई है, और आगे आने वाली रिपोर्ट में इस मामले की सच्चाई और दोषियों की पहचान की जाएगी।

अलीगढ़ में इस तरह की घटनाओं से यह सवाल उठता है कि क्या अस्पतालों को मरीजों के इलाज और उनके साथ व्यवहार में अधिक जिम्मेदार नहीं होना चाहिए। इस घटना ने एक बार फिर चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं।

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