
लखनऊ में नवजात बच्चों की तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें विभिन्न IVF सेंटर्स से बच्चे बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह का संचालन अल्ताफ नामक शख्स और विनोद नामक व्यक्ति कर रहे थे। अल्ताफ, जो सुपर अलायंस अस्पताल का मालिक है, बच्चों की तस्करी के इस रैकेट का मुख्य सरगना था।
गिरोह की महिलाएं IVF सेंटर्स में करती थीं काम
इस गिरोह में शामिल महिलाएं IVF सेंटर्स में काम करती थीं और गिरोह के अन्य सदस्य इन सेंटर्स से ग्राहकों को तलाशते थे। विनोद इन महिलाओं को अस्पतालों में नौकरी दिलाता था, और इसके बाद बच्चे की तस्करी की प्रक्रिया शुरू हो जाती थी।
बच्चों की कीमत गोरे और सांवले होने पर तय होती थी
गिरोह में बच्चों की कीमत उनके रंग और स्वास्थ के आधार पर तय की जाती थी। यदि बच्चा गोरा था तो उसकी कीमत अधिक होती थी, जबकि सांवले बच्चों की कीमत कम होती थी। अल्ताफ ने इस धंधे से करोड़ों रुपये कमाए और मड़ियांव इलाके में एक बड़ा अस्पताल भी बनवाया।
अल्ताफ का नेटवर्क कई प्रदेशों में फैला
अल्ताफ का गिरोह बिहार, झारखंड और अन्य प्रदेशों में भी फैला हुआ था, जहां गरीब परिवारों की महिलाएं अपने बच्चों को जन्म देकर इन्हें बेच देती थीं। बच्चा पैदा होते ही अल्ताफ उसे खरीद लेता था।
मड़ियांव पुलिस ने गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया
इस मामले में मड़ियांव पुलिस ने गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है और आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाने का संकल्प लिया है।









