
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंथा नगेस्वरण ने दक्षिण अफ्रीका और भारतीय प्रवासी व्यापारिक नेताओं के सेमिनार में कहा कि भारत का विकासात्मक अनुभव अन्य देशों, खासकर दक्षिण अफ्रीका, के लिए एक आदर्श बन सकता है।
सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में नगेस्वरण का संबोधन
यह सेमिनार भारतीय उच्चायोग, जोहान्सबर्ग में भारतीय कौंसुल जनरल और CII इंडिया बिजनेस फोरम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था, जिसमें 150 से अधिक भारतीय कंपनियों का प्रतिनिधित्व किया गया। नगेस्वरण ने अपनी मुख्य वक्तव्य में कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जो अपनी सबसे बड़ी आबादी के साथ लोकतांत्रिक व्यवस्था और संघीय शासकीय ढांचे के भीतर खुद को एक विकसित राष्ट्र में बदलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का अनुभव अन्य देशों के लिए बेहद उपयोगी होगा, विशेष रूप से दक्षिण अफ्रीका के लिए।
विकसित भारत की ओर भारत का मार्ग
नगेस्वरण ने भारत की आगामी योजनाओं पर भी विचार किया, जिसमें उन्होंने कहा कि “भारत हमेशा एक अवसरों और रोमांच का देश रहेगा, और यहां सार्वजनिक नीति के नए मॉडल तैयार किए जाएंगे, जिनसे दूसरे देशों को सीखने को मिलेगा।” उन्होंने भारत के तीन ट्रिलियन डॉलर से 13 ट्रिलियन डॉलर तक जाने की प्रक्रिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह यात्रा आने वाले 25 वर्षों में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण पहल होगी।
वैश्विक माहौल में साझेदारी के नए दृष्टिकोण की आवश्यकता
नगेस्वरण ने इस नए वैश्विक माहौल में साझेदारी के लिए एक बदले हुए दृष्टिकोण की आवश्यकता को महसूस किया। उन्होंने कहा कि “ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि देशों को एक-दूसरे पर इस हद तक निर्भर रहना पड़े।” उन्होंने देशों को खुले विचार रखने और अवसरवादी दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया, क्योंकि विश्व अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है।
भारत के विकास में सुधार की दिशा
नगेस्वरण ने यह भी कहा कि भारत अपने विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे, शिक्षा, कौशल विकास, और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) पर विशेष ध्यान दे रहा है, ताकि 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बन सके।
साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र
गॉटेंग ग्रोथ और डेवलपमेंट एजेंसी के साकी जाम्ज़ाका ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच साझेदारी के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को रेखांकित किया। उन्होंने खनिज संसाधनों और खनिज लाभकारीकरण (mineral beneficiation) की प्रक्रिया को एक महत्वपूर्ण अवसर बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कंपनियां, जो दक्षिण अफ्रीका में स्थापित हैं, वहां की फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरण निर्माण क्षेत्र में विकास कर सकती हैं, जो वर्तमान में आयात किए जा रहे हैं।
भारत-दक्षिण अफ्रीका के व्यापार संबंधों का विस्तार
आईबीएफ (India Business Forum) के अध्यक्ष निहार पाठक ने भारत में तेजी से हो रहे विकास पर चर्चा की और कहा कि “हम हर कोने से स्टार्टअप्स और युवा अरबपतियों को उभरते देख रहे हैं।” भारतीय उच्चायुक्त प्रभात कुमार ने कहा कि भारत वर्तमान में दक्षिण अफ्रीका का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, लेकिन उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत शीघ्र ही दूसरे स्थान पर पहुंच सकता है, चीन और अमेरिका के बाद।