
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इसने शासन के प्रमुख लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 49वें सिविल अकाउंट्स दिवस के मौके पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पीएफएमएस ने 60 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंच बनाने और 1,200 से अधिक केंद्रीय एवं राज्य योजनाओं, जिनमें 1,100 प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजनाएं शामिल हैं, को सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने में मदद की है।
सीतारमण ने कहा कि पीएफएमएस ने 250 से अधिक बाहरी प्रणालियों, जैसे जीईएम, जीएसटीआईएन, टीआईएन 2.0, पीएम किसान और कई अन्य प्लेटफॉर्म के साथ एकीकरण के माध्यम से एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण को भी सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा, “विभागीकरण से डिजिटलीकरण तक की यात्रा में, भारतीय सिविल अकाउंट्स सेवा ने पीएफएमएस के माध्यम से एक मूक क्रांति ला दी है।”
सहकारी संघवाद को मिली मजबूती
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएफएमएस ने 31 राज्य ट्रेजरी और 40 लाख कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियों के एकीकरण के माध्यम से सहकारी संघवाद को मजबूत किया है। इससे लाखों नागरिकों के लिए सरकारी धन का समय पर और पारदर्शी वितरण सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और दक्षता लाने में कारगर साबित हुई है।
डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम
सीतारमण ने कहा कि पीएफएमएस ने सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और दक्षता लाने के साथ-साथ डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को हासिल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, “यह प्रणाली न केवल सरकारी धन के प्रबंधन को आसान बनाती है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि धन सही समय पर सही लाभार्थियों तक पहुंचे।”
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएफएमएस ने सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है और यह सुनिश्चित किया है कि सरकारी धन का उपयोग पारदर्शी और प्रभावी तरीके से हो। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली भविष्य में और भी अधिक लाभार्थियों तक पहुंच बनाने और सरकारी योजनाओं को और अधिक कारगर बनाने में मददगार साबित होगी।