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PLI स्कीम का असर: विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई प्रवाह में 69% की बढ़ोतरी, 165 बिलियन डॉलर तक पहुंचा

115 कंपनियों ने आवेदन किया, जिनमें से 85 को प्रोत्साहन के लिए मंजूरी मिली, जिससे 8.15 बिलियन डॉलर (67,690 करोड़ रुपये) का निवेश आकर्षित हुआ।

नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को कहा कि उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) स्कीम के कारण विनिर्माण क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) 69 प्रतिशत बढ़कर 165 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा 2004-2014 के बीच 98 बिलियन डॉलर था।

विनिर्माण क्षेत्र में बड़े बदलाव का संकेत

सरकार ने PLI स्कीम के तहत 2025-26 में प्रमुख क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जो घरेलू विनिर्माण को मजबूती देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और पुख्ता करता है।

सक्रिय निवेश में भारी वृद्धि

अगस्त 2024 तक, वास्तविक निवेश 1.46 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, और अनुमान है कि यह अगले साल तक 2 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। इन निवेशों ने पहले ही उत्पादन और बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी की है, जो कुल 12.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है, साथ ही लगभग 9.5 लाख रोजगार के अवसर सृजित किए हैं — और यह संख्या भविष्य में 12 लाख तक पहुंचने की संभावना है।

PLI स्कीम के तहत महत्वपूर्ण क्षेत्र और बढ़ते आवंटन

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी हार्डवेयर: 2024-25 के लिए संशोधित अनुमान में 5,777 करोड़ रुपये से बढ़कर 9,000 करोड़ रुपये हो गया।
  • ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स: 346.87 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,818.85 करोड़ रुपये हो गया।
  • वस्त्र उद्योग: आवंटन 45 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,148 करोड़ रुपये हो गया।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में हुई शानदार वृद्धि

PLI स्कीम के तहत भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र अब एक शुद्ध आयातक से एक शुद्ध निर्यातक बन गया है।

  • घरेलू उत्पादन 2014-15 में 5.8 करोड़ इकाइयों से बढ़कर 2023-24 में 33 करोड़ इकाइयां हो गया।
  • आयात में भारी गिरावट आई है, जबकि निर्यात 5 करोड़ इकाइयों तक पहुंच गया।
  • विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में 254 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो इस योजना के प्रभाव को साबित करता है।
  • ऑटोमोटिव क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश और वृद्धि

PLI स्कीम के तहत ऑटोमोटिव क्षेत्र में 3.5 बिलियन डॉलर (20,750 करोड़ रुपये) का आवंटन किया गया है, जिससे उच्च तकनीक वाले ऑटोमोटिव उत्पादों का उत्पादन बढ़ा है।

115 कंपनियों ने आवेदन किया, जिनमें से 85 को प्रोत्साहन के लिए मंजूरी मिली, जिससे 8.15 बिलियन डॉलर (67,690 करोड़ रुपये) का निवेश आकर्षित हुआ।

सौर ऊर्जा और टेलीकॉम में भी तेजी से विकास

  • सौर पीवी मॉड्यूल्स: पहले चरण में 541.8 मिलियन डॉलर (4,500 करोड़ रुपये) का आवंटन किया गया था, जबकि दूसरे चरण में 65 GW की क्षमता स्थापित करने के लिए 2.35 बिलियन डॉलर (19,500 करोड़ रुपये) का निवेश किया जाएगा।
  • टेलीकॉम उत्पाद: PLI स्कीम के तहत भारत ने 60 प्रतिशत आयात प्रतिस्थापन हासिल किया है, जिससे भारत 4G और 5G टेलीकॉम उपकरणों का प्रमुख निर्यातक बन गया है।

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