
नई दिल्ली: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि रेल हादसों में 90% की कमी आई है। उन्होंने विपक्ष के हमलों के बीच कहा कि लालू यादव और ममता बनर्जी के कार्यकाल में औसतन एक से दो हादसे प्रतिदिन होते थे, जबकि अब यह संख्या घटकर सिर्फ 30 दुर्घटनाएं प्रति वर्ष रह गई है।
रेल हादसों में भारी गिरावट
- 2005-06 में लालू प्रसाद के कार्यकाल में 698 दुर्घटनाएं और डिरेलमेंट हुए थे।
- ममता बनर्जी के समय यह आंकड़ा 395 था, जबकि
- मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यकाल में 38 दुर्घटनाएं दर्ज हुईं।
- वर्तमान में 700 से घटकर 80 से कम हादसे हो रहे हैं, जो 90% की कमी दर्शाता है।
‘Made in Bihar’ लोकोमोटिव होंगे निर्यात
वैष्णव ने बताया कि जल्द ही बिहार के सारण जिले के मढ़ौरा में बने 100 लोकोमोटिव निर्यात किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह फैक्ट्री लालू यादव के कार्यकाल में केवल घोषणा तक सीमित रही, लेकिन मोदी सरकार में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ।
भारत से हो रहा वैश्विक रेल निर्यात
- मेट्रो कोच – ऑस्ट्रेलिया
- ट्रेन बोगियां – यूके, सऊदी अरब, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया
- प्रोपल्शन सिस्टम – फ्रांस, मैक्सिको, रोमानिया, स्पेन, जर्मनी, इटली
रेलवे की वित्तीय स्थिति और विस्तार
- रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे की वित्तीय स्थिति मजबूत है, और अपनी आय से ही खर्च पूरा कर रही है। कोविड चुनौतियों के बावजूद यात्री और माल ढुलाई में वृद्धि जारी है।
- इस वर्ष 1,400 लोकोमोटिव बनाए गए, जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से अधिक है।
- 31 मार्च तक भारतीय रेलवे दुनिया के शीर्ष तीन मालवाहक रेलवे में शामिल हो जाएगी, 1.6 बिलियन टन कार्गो परिवहन के साथ।
नॉन-AC कोच की संख्या बढ़ेगी
विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सामान्य डिब्बों की संख्या AC कोच से 2.5 गुना अधिक होगी। 17,000 नॉन-AC कोच निर्माण के लिए निर्धारित किए गए हैं।









