
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने अपने प्रांत में किसी भी सैन्य ऑपरेशन का विरोध किया है। उनका मानना है कि ऐसे ऑपरेशन से कोई फायदा नहीं होता, बल्कि यह नुकसानदायक होते हैं। उनके इस बयान ने पाकिस्तान की केंद्र सरकार और उन्हें आमने-सामने ला दिया है।
गंदापुर, जो PTI पार्टी के नेता हैं (जो पाकिस्तान में विपक्षी पार्टी है), ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह अपने प्रांत में किसी भी सैन्य अभियान को मंजूरी नहीं देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने कभी भी PTI के संस्थापक इमरान खान के मुद्दे पर चर्चा नहीं की है। इसके अलावा, पाकिस्तान सरकार पर विपक्ष के मुद्दों को नजरअंदाज करने और अपनी मनमानी करने का आरोप लगता रहा है।
गंदापुर ने यह भी कहा कि आतंकवाद को रोकने के लिए शरीफ सरकार बिना किसी को विश्वास में लिए कार्रवाई करना चाहती है।
“मेरे सेना के साथ अच्छे संबंध”
गंदापुर ने यह सवाल उठाया, “कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं सेना के साथ मिलकर काम कर रहा हूं। क्या उनका कहना है कि सेना से बात करना देशद्रोह है?” उन्होंने यह भी पूछा, “क्या वे यह साबित करना चाहते हैं कि मैं देशद्रोही हूं?” गंदापुर ने कहा, “मेरे सेना के साथ अच्छे रिश्ते हैं, और उन्होंने हमेशा हमारे प्रांत के अधिकारों का समर्थन किया है।”









