भारत ने 2024 में 7% वृद्धि के साथ वैश्विक वस्त्र निर्यात में की मजबूती

हर चरण में मजबूत क्षमता है, जैसे कि रेशा से लेकर कपड़े और परिधान तक। मंत्री ने यह भी बताया कि 20 फरवरी 2024 से अतिरिक्त लंबी सुई वाले (ELS) कपास पर कस्टम ड्यूटी को शून्य कर दिया गया है।

भारत की वस्त्र और परिधानों का निर्यात बढ़ा, प्रमुख आयातक देश USA, EU और UK
भारत ने अप्रैल से दिसंबर 2024 के बीच वस्त्र और परिधानों, जिसमें हस्तशिल्प भी शामिल हैं, के निर्यात में 7% की वृद्धि दर्ज की है, जो पिछले साल की इसी अवधि से अधिक है। केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री, पबित्रा मर्गेरिटा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत दुनिया के शीर्ष वस्त्र निर्यातक देशों में शामिल है और इसका वैश्विक वस्त्र और परिधानों के निर्यात में लगभग 4% हिस्सा है।

भारत का वस्त्र उद्योग: एक मजबूत आधार
भारत का वस्त्र उद्योग दुनिया में सबसे बड़े उद्योगों में से एक है, जिसमें प्राकृतिक रेशे जैसे कपास, रेशम, ऊन, जूट और मानव निर्मित रेशे शामिल हैं। इसके अलावा, देश में वस्त्र निर्माण के हर चरण में मजबूत क्षमता है, जैसे कि रेशा से लेकर कपड़े और परिधान तक। मंत्री ने यह भी बताया कि 20 फरवरी 2024 से अतिरिक्त लंबी सुई वाले (ELS) कपास पर कस्टम ड्यूटी को शून्य कर दिया गया है।

भारत के व्यापार समझौते और निर्यात संभावनाएं
भारत ने अब तक 14 मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें हाल ही में यूएई, ऑस्ट्रेलिया और EFTA देशों (स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और लिचटेंस्टाइन) के साथ किए गए समझौते शामिल हैं। इसके अलावा, भारत ने विभिन्न व्यापार साझेदारों के साथ 6 प्राथमिक व्यापार समझौतों (PTA) पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कदम
सरकार ने कम दर और निम्न गुणवत्ता वाले बुनियादी कपड़ों के आयात को नियंत्रित करने के लिए हरमोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नोमेनक्लेचर (HSN) कोड के तहत न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) 3.50 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम लागू किया है।

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