
मोबाइल फोन निर्माण में भारत की जबरदस्त छलांग, निर्यात 77 गुना बढ़ा
नई दिल्ली: भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है, 2026 तक $300 बिलियन के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। केंद्र सरकार के अनुसार, ‘मेक इन इंडिया’ और प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मोबाइल निर्माण में जबरदस्त वृद्धि
2014-15 में भारत में बिकने वाले मोबाइल फोनों में सिर्फ 26% ही स्थानीय स्तर पर निर्मित होते थे, लेकिन दिसंबर 2024 तक यह आंकड़ा 99.2% तक पहुंच गया। 2014 में भारत में सिर्फ दो मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स थीं, जो अब 300 से अधिक हो गई हैं।
मोबाइल फोन निर्यात में 77 गुना उछाल
2014-15 में भारत से मोबाइल फोन निर्यात मात्र ₹1,566 करोड़ था, जो 2023-24 में बढ़कर ₹1.2 लाख करोड़ हो गया। यह 77 गुना वृद्धि को दर्शाता है, जिससे भारत वैश्विक मोबाइल निर्माण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
सेमीकंडक्टर उद्योग में बड़ा निवेश
भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम ने भी तेज़ रफ्तार पकड़ी है। अब तक ₹1.52 लाख करोड़ के कुल निवेश वाले 5 बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल चुकी है।
मोबाइल निर्माण मूल्य में भारी बढ़ोतरी
- 2013-14: ₹18,900 करोड़
- 2023-24: ₹4,22,000 करोड़
- 325-330 मिलियन मोबाइल फोन हर साल भारत में बनाए जा रहे हैं।
- देश में एक अरब से अधिक मोबाइल फोन उपयोग में हैं।
PLI योजना से इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को बड़ा लाभ
सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए PLI योजना के तहत बजट आवंटन में भारी वृद्धि की है:
- 2024-25 (संशोधित अनुमान) : ₹5,747 करोड़
- 2025-26 : ₹8,885 करोड़
इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पार
FY25 (अप्रैल-फरवरी) में भारत का कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात ₹2.87 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 35% की वृद्धि दर्शाता है।
- स्मार्टफोन निर्यात: ₹1.75 लाख करोड़ (54% वृद्धि)
सरकार की नीतियों और निवेश के चलते भारत वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग में बड़ी ताकत के रूप में उभर रहा है।