भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’, ऊंचाई पर युद्ध के लिए तैयार
जबकि चीन का Z-10 और तुर्की का T-129 ATAK इस क्षेत्र में समान क्षमताओं का दावा करते हैं, 'प्रचंड' ने हिमालय में अपनी श्रेष्ठता साबित की है।
Bharat Samachar DeskMarch 29, 2025
1 minute read
प्रचंड: भारत का पहला स्वदेशी हमला हेलीकॉप्टर हल (HAL) द्वारा निर्मित ‘प्रचंड’ लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (LCH) भारत का पहला स्वदेशी डिज़ाइन और निर्मित हमला हेलीकॉप्टर है, जो उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑपरेशन के लिए आदर्श है। यह 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उतरने और उड़ान भरने में सक्षम है, जिससे यह सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख जैसे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनता है।
भारत के रक्षा प्रयासों में बड़ा कदम: 156 LCHs का आदेश हाल ही में भारत ने 62,000 करोड़ रुपये की लागत से 156 प्रचंड हेलीकॉप्टरों के खरीद आदेश को मंजूरी दी है, जिसमें 90 हेलीकॉप्टर भारतीय सेना के लिए और 66 भारतीय वायु सेना के लिए होंगे। HAL के बेंगलुरु और तुमकुर संयंत्रों में इन हेलीकॉप्टरों का उत्पादन होगा, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
‘प्रचंड’ का विकास और उच्च-ऊंचाई युद्ध में महत्व इस हेलीकॉप्टर के लिए मांग 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान उत्पन्न हुई थी, जब भारतीय सेनाओं को उच्च-ऊंचाई वाले युद्धक्षेत्रों में दुश्मन की स्थिति पर हमला करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। ‘प्रचंड’ ने सियाचिन ग्लेशियर में सफलतापूर्वक लैंडिंग करके अपनी क्षमता साबित की है, और अब यह भारत की सेना और वायु सेना के लिए एक शक्तिशाली हथियार बन गया है।
स्वदेशी निर्माण और सार्वजनिक-निजी साझेदारी ‘प्रचंड’ परियोजना भारतीय उद्योग पर आधारित है, जिसमें 250 से अधिक निजी विक्रेताओं का योगदान है। यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल का एक प्रमुख उदाहरण है, जो भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
वैश्विक तुलना: प्रचंड की बढ़त ‘प्रचंड’ दुनिया के उन कुछ हेलीकॉप्टरों में से एक है, जो उच्च-ऊंचाई युद्ध में ऑपरेट करने में सक्षम हैं। जबकि चीन का Z-10 और तुर्की का T-129 ATAK इस क्षेत्र में समान क्षमताओं का दावा करते हैं, ‘प्रचंड’ ने हिमालय में अपनी श्रेष्ठता साबित की है।