अखिलेश यादव ने की प्रेसवार्ता, बीजेपी पर निशाना… कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाए

अखिलेश यादव ने सरकार पर कम्युनल पॉलिटिक्स का भी आरोप लगाया और कहा कि यह सरकार धार्मिक आधार पर राजनीति कर रही है


समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार को लेकर सत्ताधारी बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला। सपा महासचिव शिवपाल यादव भी इस प्रेस वार्ता में उनके साथ मौजूद थे।

‘कानून व्यवस्था ध्वस्त, बीजेपी का जीरो टॉलरेंस नारा झूठा’

अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने बीजेपी के जीरो टॉलरेंस के नारे को झूठा बताते हुए कहा कि आज पुलिस खुद पुलिस की तलाश में लगी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस को पुलिस के यहां छापेमारी करनी पड़ रही है, जो कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है।

‘बीजेपी के लोग ही बीजेपी से नाराज हैं’

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि बीजेपी के अपने लोग ही इस सरकार से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेताओं को ही न्याय नहीं मिल रहा, जो इस सरकार के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।

‘IAS अधिकारी का दलाल पकड़ा गया’

सपा अध्यक्ष ने इस दौरान एक आईएएस अधिकारी का दलाल पकड़ने की घटना का जिक्र किया और कहा कि यह दलाल और भी कई लोगों के लिए काम करता था, जिससे भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। उन्होंने कहा कि बंटवारे के झगड़ों ने भ्रष्टाचार की पोल खोली

‘अब 80-20 का नहीं 90-10 का मामला है’

अखिलेश यादव ने बीजेपी पर एक और हमला करते हुए कहा कि अब उत्तर प्रदेश में 80-20 का नहीं, बल्कि 90-10 का मामला है। उन्होंने यह बयान राज्य में राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने पर बीजेपी के प्रभाव को लेकर दिया।

‘महाकुंभ में मृतकों की सूची तक जारी नहीं’

अखिलेश ने सरकार पर महाकुंभ में मृतकों की सूची तक जारी न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुंभ में जो लोग खो गए थे, उन्हें सरकार ने खोजने की कोशिश नहीं की

‘कुंभ में कम्युनल पॉलिटिक्स कर रही सरकार’

अखिलेश यादव ने सरकार पर कम्युनल पॉलिटिक्स का भी आरोप लगाया और कहा कि यह सरकार धार्मिक आधार पर राजनीति कर रही है, जिससे समाज में नफरत और बंटवारा फैलाया जा रहा है।

‘टैरिफ वाला मित्र कहां चला गया?’

अखिलेश ने अंत में बीजेपी सरकार के एक टैरिफ वाले मित्र का संदर्भ देते हुए सवाल किया, “वो मित्र कहां चला गया?” और इस बात को उठाया कि सरकार अपने करीबी सहयोगियों के प्रति जवाबदेह नहीं है।

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