जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने हुर्रियत से नाता तोड़ा, संविधान में जताया भरोसा

एक महीने में जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत से जुड़ी कुल 12 संस्थाएं अब तक अलग हो चुकी हैं। इनमें पीपुल्स मूवमेंट, डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट और फ्रीडम मूवमेंट जैसे नाम शामिल हैं।

हुर्रियत से 12वीं ताज़ा बगावत, JKMM ने कहा- “हमें नहीं कोई सहानुभूति अलगाववाद से”

जम्मू और कश्मीर मास मूवमेंट (JKMM) ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से अपना संबंध तोड़ दिया है। संगठन की चेयरपर्सन फरीदा बेहन जी ने एक सार्वजनिक घोषणा में बताया कि न तो वह और न ही उनका संगठन अब हुर्रियत या किसी भी अलगाववादी विचारधारा से जुड़े हैं।

अमित शाह ने किया स्वागत, बोले- “यह मोदी जी की एकता की नीति की जीत है”

गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, “अब तक हुर्रियत से जुड़े 12 संगठन अलग हो चुके हैं और भारतीय संविधान में विश्वास जता चुके हैं। यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विजन की जीत है।”

फरीदा बेहन जी ने सार्वजनिक बयान में जताया भरोसा भारत के संविधान पर

फरीदा बेहन जी ने कहा, “हम भारत और उसकी अखंडता के खिलाफ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कार्य करने वाले किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं।” उन्होंने APHC की विचारधारा को खारिज करते हुए इसे “जनता की वास्तविक समस्याओं का हल न कर पाने वाला” बताया।

8 अप्रैल को भी 3 संगठन हुर्रियत से हुए थे अलग

इससे पहले 8 अप्रैल को जम्मू कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट ने भी हुर्रियत से नाता तोड़ने की घोषणा की थी।

अलगाववाद फैलाने वालों पर पुलिस की सख्ती, 8 गिरफ्तार

बांदीपोरा में गुरुवार को पुलिस ने अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार किया। ये सभी प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े थे और इनके खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई की जा रही है।

कश्मीर में बदलती हवा, लोकतंत्र की ओर बढ़ते कदम

बीते एक महीने में जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत से जुड़ी कुल 12 संस्थाएं अब तक अलग हो चुकी हैं। इनमें पीपुल्स मूवमेंट, डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट और फ्रीडम मूवमेंट जैसे नाम शामिल हैं।

Related Articles

Back to top button