
भारतीय सेना ने पहलगाम हमले का जवाब देते हुए आतंक के खिलाफ कड़ा प्रहार किया है। बीती रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को सेना ने ध्वस्त कर दिया। यह मिशन केवल 25 मिनट में पूरा किया गया, जो रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच चला। सेना की इस साहसिक कार्रवाई की जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया को दी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए न्याय है। ऑपरेशन की शुरुआत मुजफ्फराबाद के सवाई नाला कैंप पर पहले हमले से हुई। बरनाला कैंप समेत कुल 9 आतंकी कैंपों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। कर्नल सोफिया ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थी—न तो कोई सैन्य ठिकाना निशाने पर था और न ही किसी नागरिक के हताहत होने की खबर है। उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया।
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी: एक प्रेरणादायक सैन्य अधिकारी
गुजरात की रहने वाली लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी हैं। बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट सोफिया ने 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से सेना में कमीशन प्राप्त किया। वह अब तक देश के कई अहम क्षेत्रों में सेवा दे चुकी हैं, जिनमें काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशंस और बाढ़ राहत कार्य शामिल हैं।
2006 में उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में मिलिट्री ऑब्जर्वर की भूमिका निभाई, जहां उन्होंने युद्ध विराम की निगरानी और मानवीय सहायता मिशनों में भाग लिया। ऑपरेशन पराक्रम के दौरान पंजाब सीमा पर और पूर्वोत्तर में राहत अभियानों में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
ऐतिहासिक उपलब्धि
मार्च 2016 में उन्होंने ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व कर इतिहास रच दिया। यह अब तक का भारत द्वारा आयोजित सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था, जिसमें 18 देशों की सेनाएं शामिल थीं। इस अभ्यास में सोफिया अकेली महिला अधिकारी थीं जो अपनी 40 सदस्यीय टुकड़ी का नेतृत्व कर रही थीं।
सैन्य विरासत और निजी जीवन
सोफिया का परिवार भी सैन्य पृष्ठभूमि से है। उनके दादा और पिता दोनों सेना में रह चुके हैं। इसी माहौल में पली-बढ़ीं सोफिया ने सेना में जाने का सपना बचपन से ही देखा था। वे सेना के मैकेनाइज़्ड इन्फैंट्री में कार्यरत मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से विवाह कर चुकी हैं और उनका एक नौ वर्षीय बेटा भी है।
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी आज भारतीय सैन्य बलों में महिलाओं की भूमिका और क्षमता का प्रतीक बन चुकी हैं। उनका नेतृत्व और साहस आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।









