उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुक्रवार को ‘AI प्रज्ञा’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, जिसका उद्देश्य राज्य के 10 लाख नागरिकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य उन्नत तकनीकी क्षेत्रों में दक्ष बनाना है।
यह महत्वाकांक्षी योजना उत्तर प्रदेश को न केवल भारत के एआई मानचित्र पर अग्रणी राज्य बनाएगी, बल्कि प्रदेश के वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को भी मजबूती देगी।
क्या है ‘AI प्रज्ञा’ कार्यक्रम?
‘AI प्रज्ञा’ कार्यक्रम के तहत राज्य के युवाओं, छात्रों, शिक्षकों, सरकारी कर्मियों, डॉक्टरों, ग्रामीण महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों और किसानों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स और साइबर सिक्योरिटी जैसी तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास और सचिवालय प्रशासन विभाग इस योजना को मिलकर संचालित करेंगे। साथ ही, डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों पर केंद्रित होगी।
वैश्विक सहयोग से मिलेगी मजबूती
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट, एचसीएल, गूगल, अमेजन, इंटेल, वाधवानी फाउंडेशन जैसी वैश्विक कंपनियों का सहयोग लिया जा रहा है। नोडल एजेंसी के रूप में सीईजी (Centre for e-Governance) कार्य करेगा और जिलों में यह योजना डीएम स्तर पर मॉनिटर की जाएगी।
ग्रामीण भारत को भी मिलेगा लाभ
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसान, महिलाएं, छात्र-छात्राएं, प्रधान और जन सेवा केंद्र संचालक AI तकनीक से लैस होकर नए रोजगार व उद्यमिता के अवसरों का लाभ उठा सकेंगे। इससे न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि राज्य की समग्र विकास गति को भी बल मिलेगा।
‘AI प्रज्ञा’ कार्यक्रम उत्तर प्रदेश की तकदीर बदलने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल राज्य को डिजिटल युग में आत्मनिर्भर, कुशल और तकनीकी रूप से अग्रणी बनाएगी। आने वाले समय में यह योजना भारत के अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल बन सकती है।









