
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत ब्रह्मोस मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट का शुभारंभ किया जाएगा। यह यूनिट भारत की डिफेंस आत्मनिर्भरता के नए युग की शुरुआत करेगी, खासकर पाकिस्तान और अन्य देशों के साथ तनावपूर्ण हालातों के बीच।
ब्रह्मोस मिसाइल: सामरिक ताकत का प्रतीक
यह प्रोडक्शन यूनिट 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है, जिसे साढ़े तीन वर्षों में निर्मित किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई थी। ब्रह्मोस मिसाइल, जो भारत और रूस का संयुक्त उद्यम है, दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर और गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से तीन गुना) है। यह मिसाइल जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है और ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक पर आधारित है, जिससे यह दुश्मन के राडार से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है।
भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता का मील का पत्थर
ब्रह्मोस यूनिट के उद्घाटन के साथ ही उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) का लखनऊ नोड एक और महत्वपूर्ण कदम होगा। यह क्षेत्र, जिसे रक्षा उत्पादन के लिए तैयार किया गया है, स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने, आयात पर निर्भरता को कम करने और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। योगी सरकार के प्रयासों से यह प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरा हुआ है और यह भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के साथ पूरी तरह से जुड़ा हुआ है।
स्ट्रैटेजिक मटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स और परीक्षण फैसिलिटी
इस अवसर पर स्ट्रैटेजिक मटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन भी किया जाएगा, जो एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्रियों का उत्पादन करेगा। इसके साथ ही, ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी का भी लोकार्पण होगा, जो मिसाइलों के परीक्षण और एकीकरण में अहम भूमिका निभाएगी।
डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर: एक राष्ट्रीय पहल
भारत में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से हुई थी, और उत्तर प्रदेश इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। यह राज्य न केवल एक प्रमुख डिफेंस उत्पादन हब बन रहा है, बल्कि यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भी भारत की भूमिका को मजबूत करेगा। लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट में स्थापित छह नोड्स के माध्यम से उत्तर प्रदेश रक्षा उत्पादों के उत्पादन और परीक्षण में प्रमुख योगदान देगा।
नवीनतम रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत का नेतृत्व
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, जो पूरे भारत के रक्षा उत्पादन नेटवर्क में एक नया अध्याय जोड़ता है, सिर्फ भारतीय सेना के लिए नहीं बल्कि समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह परियोजना न केवल भारतीय आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है, बल्कि ग्लोबल डिफेंस मार्केट में भारत को एक अग्रणी शक्ति के रूप में स्थापित करने का प्रयास भी है।
लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का उद्घाटन भारत के लिए एक नई सुबह का प्रतीक है। यह न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर है, बल्कि पाकिस्तान और अन्य वैश्विक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ भारत की सामरिक शक्ति को भी नए स्तर पर ले जाने का कदम है।









