‘दोस्ती’ का हाथ तो दूर, पानी तक नहीं मिलेगा पाक को! ‘सिंधु समझौता अभी डेड, बाकी प्रतिबंध भी फुल ऑन!

भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित रखने, अटारी-बाघा सीमा बंद रखने और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा पर रोक का फैसला लिया। पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए भारत ने अपनी सुरक्षा को सर्वोपरि रखा।

Operation Sindoor: भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी कड़ी नीति को जारी रखते हुए सिंधु जल संधि की बहाली का कोई भी कदम न उठाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, अटारी-बाघा सीमा को बंद रखने, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा पर रोक और पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों की संख्या को सीमित करने का फैसला भी कायम रहेगा। ये कदम पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने और भारत की सुरक्षा को खतरे में डालने के खिलाफ उठाए गए हैं।

सिंधु जल समझौते का निलंबन

भारत ने साफ किया है कि वह सिंधु जल संधि को निलंबित ही रखेगा और इसकी बहाली का कोई विचार नहीं है। सरकार ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के कारण इस समझौते को फिलहाल निष्क्रिय किया जा रहा है। यह निर्णय भारत की सुरक्षा प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि पाकिस्तान के साथ जल विवादों के कारण स्थिति और भी तनावपूर्ण हो सकती है।

अटारी-बाघा सीमा बंद रखना

अटारी-बाघा सीमा को बंद रखने का फैसला भी भारत सरकार ने कायम रखा है, जिससे पाकिस्तान से आने-जाने वाली गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण रहेगा। इस कदम से दोनों देशों के बीच सुरक्षा की स्थिति को बनाए रखना संभव हो सकेगा। भारत का मानना है कि जब तक पाकिस्तान अपनी आतंकवादी गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं करता, तब तक यह सीमा बंद रखी जानी चाहिए।

पाकिस्तानी नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध

भारत ने पाकिस्तान से आने वाले नागरिकों के वीजा पर भी रोक लगाई है, जिससे पाकिस्तान के लिए भारतीय सीमा में प्रवेश करना मुश्किल हो जाएगा। यह कदम भारत की सुरक्षा को पहले स्थान पर रखते हुए उठाया गया है, ताकि किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों को रोका जा सके।

राजनयिकों की संख्या पर नियंत्रण

भारत ने पाकिस्तान में अपनी राजनयिकों की संख्या को भी सीमित रखने का निर्णय लिया है। सरकार का कहना है कि इस कदम से पाकिस्तान में भारत के राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, साथ ही यह एक संदेश भी होगा कि भारत अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।

भारत का कड़ा संदेश

इन सभी फैसलों के माध्यम से भारत सरकार ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है कि जब तक वह आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कदम नहीं उठाता, तब तक भारत कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं है। यह फैसला भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है और पाकिस्तान के लिए एक कड़ी चेतावनी के रूप में देखा जा सकता है।

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