UPSC का नया मालिक! रक्षा सचिव से UPSC चेयरमैन बने अजय कुमार – जानिए कितनी हैं सैलरी!

केंद्र सरकार ने अजय कुमार को UPSC का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। जानें उनके बारे में, उनकी उपलब्धियों, चयन प्रक्रिया, और सैलरी के बारे में।

केंद्र सरकार ने पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिया गया है, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दी। इस फैसले के बाद, अजय कुमार ने आधिकारिक रूप से यूपीएससी चेयरमैन का कार्यभार संभाला है।

अजय कुमार: UPSC के नए चेयरमैन

अजय कुमार, 1985 बैच के रिटायर IAS अधिकारी हैं। वह रक्षा मंत्रालय में सचिव के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं और रक्षा उत्पादन विभाग में भी कार्य कर चुके हैं। अजय कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के तौर पर भी काम किया है। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के महानिदेशक के रूप में भी कार्य किया है। अजय कुमार डिजिटल इंडिया पहल के प्रमुख सदस्य भी थे, जो आधार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), MyGov.in, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस, और जीवन प्रमाण जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का हिस्सा रहे हैं।

उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है, आयुध निर्माणी बोर्ड का निगमीकरण, जो 200 साल पुराना संस्थान है और इसमें 80,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं।

UPSC के चेयरमैन की नियुक्ति कैसे होती है?

संविधान के अनुच्छेद 316(1) के अनुसार, UPSC चेयरमैन और अन्य सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। यदि अध्यक्ष का पद रिक्त हो जाता है या वह किसी कारणवश कार्य नहीं कर सकते, तो राष्ट्रपति UPSC के अन्य सदस्य में से किसी एक को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त कर सकते हैं।

UPSC चेयरमैन की सैलरी

UPSC के चेयरमैन की महीने की सैलरी लगभग 2.5 लाख रुपये है, जबकि यूपीएससी के सदस्य की सैलरी 2.25 लाख रुपये प्रति माह होती है।

UPSC के चेयरमैन के चयन की प्रक्रिया

UPSC के चेयरमैन की नियुक्ति में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार अक्सर एक चयन समिति का गठन करती है, जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल होते हैं। इसके साथ ही, चयन के समय यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि UPSC के आधे सदस्य ऐसे हों जिन्होंने भारत सरकार या राज्य सरकार के तहत कम से कम 10 वर्षों तक सेवा की हो।

UPSC चेयरमैन की कार्यकाल और सेवा शर्तें

UPSC के सदस्य का कार्यकाल आमतौर पर छह साल होता है या जब तक वह अपनी निर्धारित आयु (65 वर्ष) तक नहीं पहुंच जाते। कार्यकाल समाप्त होने के बाद, व्यक्ति को उसी पद के लिए पुनः नियुक्ति के लिए अयोग्य माना जाता है।

अजय कुमार की नियुक्ति को लेकर चर्चा जारी है और उनकी लीडरशिप में UPSC के नए कार्यकाल के लिए बदलाव की उम्मीदें हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह किस तरह से आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार और नवीनता लाते हैं।

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