भारत की सीफूड एक्सपोर्ट में जबरदस्त उछाल, अप्रैल में 17.81% की बढ़ोतरी, 2030 तक 18 अरब डॉलर का लक्ष्य

भारत ने अप्रैल 2025 में समुद्री उत्पादों के निर्यात में 17.81% की वृद्धि दर्ज करते हुए 0.58 अरब डॉलर का आंकड़ा छू लिया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत अब भी दुनिया का चौथा सबसे बड़ा समुद्री उत्पादक देश बना हुआ है।

रिकॉर्ड प्रदर्शन वित्त वर्ष 2024-25 में
वित्त वर्ष 2024–25 में भारत ने 16.85 लाख मीट्रिक टन समुद्री उत्पादों का निर्यात किया, जो पिछले वर्षों की तुलना में 60% से अधिक की वृद्धि है। मूल्य के लिहाज से यह आंकड़ा 7.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि FY15 में यह 5.4 अरब डॉलर था।

अमेरिकी टैरिफ चिंता के बावजूद निर्यात में तेजी
FY 2025–26 की शुरुआत भी उत्साहजनक रही है, जबकि अमेरिका (भारत का सबसे बड़ा सीफूड बाजार) द्वारा प्रस्तावित टैरिफ बढ़ोतरी की आशंका बनी हुई है। हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता भी अंतिम चरण में है, जिससे व्यापारिक संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है।

वैश्विक पहुंच में विस्तार
भारत अब 130 देशों को समुद्री उत्पाद निर्यात करता है, जो 2014-15 में 105 देशों तक सीमित था। फ्रोजन श्रिम्प (जमे हुए झींगे) अब भी सबसे अधिक निर्यात किया जाने वाला उत्पाद है, जो कुल निर्यात मात्रा का 40% और मूल्य का 66.12% हिस्सा बनाता है। अमेरिका और चीन इसके प्रमुख खरीदार हैं।

सरकारी योजनाओं से मिला निर्यात को बल
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत मछली पालन श्रृंखला में गुणवत्ता सुधार, ब्रैकिश वॉटर एक्वाकल्चर का विस्तार, और निर्यात-उन्मुख प्रजातियों को बढ़ावा देने से प्रतिस्पर्धा और मूल्य प्राप्ति में वृद्धि हुई है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी सहयोग
PMMSY योजना के तहत अत्याधुनिक तकनीक, रोग प्रबंधन, ट्रेसेबिलिटी, प्रशिक्षण, कोल्ड चेन, हार्बर और लैंडिंग सेंटर जैसी संरचनाओं के विकास से उत्पादन और निर्यात दोनों को बल मिला है।

2030 तक 18 अरब डॉलर का लक्ष्य
मैरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (MPEDA) द्वारा तैयार किए गए ‘विजन डॉक्यूमेंट 2030’ के तहत भारत ने समुद्री उत्पाद निर्यात को 18 अरब डॉलर (₹1.57 लाख करोड़) तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है। PMMSY योजना पर ₹20,050 करोड़ का निवेश किया गया है, जिससे सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लाभ मिला है।

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