
भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच हुए नए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के चलते अगले पांच से छह वर्षों में भारत से वस्त्र और होम टेक्सटाइल्स का निर्यात दोगुना होने की संभावना है। यह जानकारी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की रिपोर्ट में दी गई है।
यह समझौता 6 मई को तीन वर्षों की बातचीत के बाद अंतिम रूप से तय किया गया है और 2026 से प्रभावी हो सकता है। इसके तहत भारत ब्रिटेन के 90% उत्पादों पर शुल्क कम करेगा और 85% सामान को अगले दस वर्षों में पूरी तरह शुल्कमुक्त कर देगा। इसके बदले, ब्रिटेन भारत के 99% निर्यात, जिनमें वस्त्र और होम टेक्सटाइल्स प्रमुख हैं, पर शुल्क हटा देगा।
फिलहाल भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार भारत के कुल व्यापार का केवल 2% है, जिससे यह साफ है कि व्यापारिक संभावनाएं बहुत अधिक हैं। वर्ष 2024 में ब्रिटेन ने भारत से 1.4 अरब डॉलर के वस्त्र आयात किए, जो उसकी कुल कपड़ा आयात का 6.6% हिस्सा था।
ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, 2027 तक ब्रिटेन को भारत का वस्त्र निर्यात बढ़कर 11-12% तक पहुंच सकता है, जो कि 2024 के मुकाबले 11% की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाता है।
वर्तमान में भारत से ब्रिटेन को वस्त्र निर्यात पर 8-12% की सीमा शुल्क लगती है, लेकिन FTA लागू होने के बाद यह शुल्क हट जाएगा। इससे भारतीय उत्पादकों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी, और बांग्लादेश, वियतनाम, पाकिस्तान जैसे देशों के बराबर पहुंच मिल पाएगी, जो पहले से ही ब्रिटेन से व्यापार में छूट पा रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आने वाले वर्षों में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश में तेजी आ सकती है, जिससे भारत की वैश्विक कपड़ा व्यापार में स्थिति और मजबूत होगी।









