
नई दिल्ली: फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) ने अब तक 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है और 2.5 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) के वरिष्ठ अधिकारी रणजीत सिंह ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में दी।
रणजीत सिंह, जो MoFPI में संयुक्त सचिव हैं, ने बताया कि मंत्रालय ने अब तक लगभग 1,600 परियोजनाओं को वित्तपोषित किया है, जिससे 41 लाख टन की खाद्य प्रसंस्करण क्षमता विकसित हुई है और लगभग 9 लाख किसानों को लाभ पहुंचा है। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग कृषि विविधता, मूल्य संवर्धन, फसल के बाद होने वाले नुकसान को कम करने और निर्यात के लिए अधिशेष पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सिंह ने बताया कि यह सेक्टर प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र के बीच एक मजबूत कड़ी के रूप में काम करता है और भारतीय कृषि उत्पादों की वैश्विक मांग बढ़ाने में सहायक है। इसलिए, इसे और अधिक विकसित करने के लिए प्रसंस्करण, पैकेजिंग, भंडारण और वितरण के क्षेत्रों में सुधार आवश्यक है ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा किया जा सके।
MoFPI की प्रमुख योजनाओं में किसान संपदा योजना, पीएम माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (PMFME) योजना शामिल हैं, जो छोटे उद्यमों को बड़ा बनाने में मदद कर रही हैं। PMFME योजना के तहत अब तक लगभग 2 लाख माइक्रो उद्यमों को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी और बुनियादी ढांचा सहायता दी गई है।









