भारत की ऐतिहासिक छलांग: 2025 तक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर!

भारत 2025 तक चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आर्थिक सुधारों को क्रांतिकारी और न कि धीरे-धीरे लागू किया जाए। पढ़ें भारत के आर्थिक भविष्य और उस पर होने वाले प्रभाव के बारे में।

भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक मील का पत्थर सामने है। 2025 तक भारत की अर्थव्यवस्था चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रही है। आंकड़े इसके समर्थन में हैं—भारत की $4 ट्रिलियन (40 लाख करोड़ रुपये) की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान की कुल अर्थव्यवस्था से 10 गुना बड़ी है। इसके अलावा, महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से बड़ी है और तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था भी पाकिस्तान के बराबर है।

भारत के लिए यह केवल एक संयोग नहीं है, बल्कि यह उस बदलाव की प्रक्रिया का संकेत है, जिसमें भारत अपने आप को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित कर रहा है। BSE और NSE का पूंजीकरण पाकिस्तान के स्टॉक एक्सचेंज से 200 गुना ज्यादा है। HCL और Axis Bank जैसी कंपनियां पाकिस्तान के पूरे स्टॉक एक्सचेंज के बराबर पूंजीकरण रखती हैं। इसके अलावा, LIC के पास प्रबंधन में रखे गए संसाधन (640 बिलियन डॉलर) पाकिस्तान के राष्ट्रीय ऋण से 2.5 गुना ज्यादा हैं, जबकि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16 बिलियन डॉलर है, और भारत का 680 बिलियन डॉलर।

शक्ति से शांति की ओर: प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंधूर के बाद कहा था कि शांति का रास्ता शक्ति से होकर गुजरता है। इतिहास से यह सिद्ध होता है कि केवल सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि आर्थिक शक्ति राष्ट्रों को वैश्विक मंच पर ऊंचा उठाती है। अगर $4 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था भारत को इतनी बड़ी शक्ति देती है, तो कल्पना कीजिए कि एक $30 ट्रिलियन से अधिक की अर्थव्यवस्था भारत को क्या शक्ति दे सकती है।

आवश्यकता है क्रांतिकारी सुधारों की

अब यह समय है कि भारत को सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए केवल सुधारों की प्रक्रिया को बढ़ावा नहीं दिया जाए, बल्कि उन्हें क्रांतिकारी रूप से लागू किया जाए। केवल आंशिक सुधारों से यह संभव नहीं है कि भारत को अपनी वैश्विक शक्ति के रूप में स्थायी स्थान मिले। अगर भारत अपने सुधारों को पूरी तरह से बदलने और विकसित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाता है, तो वह दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक ताकतों में से एक बन सकता है।

आगे का रास्ता

भारत को अब न केवल एक चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता है, बल्कि उसे एक वास्तविक वैश्विक शक्ति बनने के लिए मजबूत और प्रभावी आर्थिक नीतियों की आवश्यकता है। देश की वृद्धि को और तेज करने के लिए पूरी तरह से नई दृष्टिकोण और रणनीतियों की आवश्यकता है।

भारत का विकास, अब केवल राष्ट्रीय हितों के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक बड़ा बदलाव ला सकता है, यदि यह आर्थिक सुधारों को सक्रिय रूप से और प्रभावी तरीके से लागू करता है।

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