नक्सलवाद की हार: मोदी और शाह के नेतृत्व में भारत की सबसे बड़ी आंतरिक जीत

नक्सलवाद का सफाया करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का नेतृत्व निर्णायक रहा है। ‘SAMADHAN’ रणनीति के तहत, भारत ने नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ा और अब यह आंतरिक सुरक्षा और विकास की नई दिशा की ओर बढ़ रहा है।

भारत आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है, जहां एक दशक से ज्यादा समय तक चले नक्सलवादी विद्रोह को समाप्त करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में, भारत ने अपनी आंतरिक सुरक्षा और विकास के रास्ते में सबसे बड़े और सबसे कठिन दुश्मन, नक्सलवाद, को पराजित किया है।

नक्सलवाद: एक खतरनाक आंतरिक दुश्मन

देश के सबसे बड़े आंतरिक शत्रु के रूप में पहचाना जाने वाला नक्सलवादी विद्रोह, विशेषकर ‘रेड कॉरिडोर’ में, दशकों से विकास को अवरुद्ध करता आया है। इस हिंसक माओवादी आंदोलन ने हजारों निर्दोष लोगों की जान ली और पूरे क्षेत्र को आतंकित किया। यह आंदोलन भारत की संप्रभुता और सामाजिक ताने-बाने को चुनौती देता रहा है।

SAMADHAN रणनीति: मोदी और शाह का निर्णायक दृष्टिकोण

नक्सलवाद से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने एक बेजोड़ रणनीति बनाई—‘SAMADHAN’—जो आठ प्रमुख स्तंभों पर आधारित है। यह रणनीति सुरक्षा बलों को आवश्यक उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करती है, साथ ही वित्तीय स्रोतों को नष्ट करने, तकनीकी सहायता और कड़े कार्रवाई के साथ पूरे नक्सल-प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से सफलता हासिल करने में मदद करती है।

नक्सलियों का सफाया: छत्तीसगढ़ पुलिस की भूमिका

नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ी जीत छत्तीसगढ़ पुलिस के ‘डीआरजी’ (District Reserve Guard) द्वारा हासिल की गई, जो पहले नक्सलियों के ही सदस्य रहे थे। यह स्थानीय युवाओं द्वारा संचालित एक फोर्स है, जो अब नक्सलियों के खिलाफ संघर्ष में प्रमुख भूमिका निभा रही है। 2023 में छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सल नेता बासवराजू को मारकर नक्सल आंदोलन को जबरदस्त झटका दिया।

नक्सलवाद का अंतिम सफाया: विकास और सुरक्षा की नई दिशा

इस युद्ध का परिणाम केवल सैन्य जीत नहीं होगा। यह भारतीय लोकतंत्र, राज्य की वैधता और समाज में सुधार का प्रतीक बनकर उभरेगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब पहले से कहीं ज्यादा विकास हो रहा है—नई सड़कें बन रही हैं, मोबाइल टावर लग रहे हैं, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और बैंक समुदायों तक पहुंच रहे हैं। इससे पहले जिस क्षेत्र को नक्सलियों ने विकास से वंचित रखा था, अब वह एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है।

भारत का सुरक्षित और समृद्ध भविष्य

प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की अगुवाई में भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि नक्सलवाद अब केवल इतिहास का हिस्सा बनेगा। देश अब अपने “अमृत काल” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, और यह तभी संभव होगा जब आंतरिक सुरक्षा मजबूत हो और विक्षुब्ध क्षेत्रों का पुनर्निर्माण किया जाए।

आत्मनिर्भर भारत की ओर

नक्सलवाद के उन्मूलन का अर्थ केवल सैन्य विजय नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि भारत अब अपने इतिहास की गलतियों को सुधारते हुए आंतरिक सुरक्षा, लोकतांत्रिक प्रक्रिया और आर्थिक विकास के नए दौर की ओर बढ़ रहा है।

Related Articles

Back to top button