
कॉरपोरेट बॉन्ड में विदेशी निवेश में 11.4% की वृद्धि
नई दिल्ली: भारतीय कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) का निवेश ₹1.21 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो FY24 के ₹1.08 लाख करोड़ से 11.4% ज्यादा है। यह जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की वार्षिक रिपोर्ट 2024–25 में दी गई है।
FPI इन्वेस्टमेंट लिमिट का उपयोग घटा
- स्वीकृत सीमा का उपयोग FY25 के अंत तक 15.8%, जो FY24 के 16.2% से कम है
- यह गिरावट FPI निवेश सीमा के विस्तार के कारण आई
कॉरपोरेट बॉन्ड जारीियां और मार्केट एक्टिविटी में उल्लेखनीय वृद्धि
| संकेतक | FY24 | FY25 | वृद्धि |
|---|---|---|---|
| प्राथमिक बॉन्ड जारीियां | ₹8.6 लाख करोड़ | ₹9.9 लाख करोड़ | 🔼 16.1% |
| कुल बकाया कॉरपोरेट बॉन्ड (Dec तक) | ₹45.5 लाख करोड़ | ₹51.6 लाख करोड़ | 🔼 13.3% |
| सेकेंडरी मार्केट औसत डेली टर्नओवर | ₹5,722 करोड़ | ₹7,645 करोड़ | 🔼 33.6% |
- प्राइवेट प्लेसमेंट का वर्चस्व जारी — कुल घरेलू कॉरपोरेट बॉन्ड फंड रेज़िंग में 99.2% हिस्सा
- घरेलू स्टॉक एक्सचेंजों और ओवरसीज़ मार्केट दोनों में इश्युज बढ़े
कॉरपोरेट बॉन्ड यील्ड में नरमी, लेकिन गवर्नमेंट बॉन्ड्स से गैप बढ़ा
- AAA रेटेड 3-वर्षीय बॉन्ड्स की औसत यील्ड में गिरावट:
| सेक्टर | यील्ड में गिरावट |
|---|---|
| PSU, बैंक, वित्तीय संस्थान | 🔻 15 bps |
| NBFCs | 🔻 28 bps |
| अन्य कॉरपोरेट | 🔻 33 bps |
हालांकि, G-sec और कॉरपोरेट बॉन्ड यील्ड के बीच स्प्रेड बढ़ा — इससे संकेत मिलता है कि कॉरपोरेट यील्ड्स में गिरावट सरकारी बॉन्ड्स के मुकाबले धीमी रही।
- भारत का कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट FY25 में मज़बूत रहा
- विदेशी निवेशकों की भागीदारी बढ़ी, लेकिन लिमिट यूसेज घटा, जो आगे सुधार की गुंजाइश दर्शाता है
- यील्ड्स में नरमी से कॉरपोरेट्स के लिए पूंजी जुटाना सस्ता हुआ, लेकिन निवेशकों को अपेक्षाकृत कम रिटर्न मिला









