
भारत का विमानन क्षेत्र अब महामारी पूर्व स्तरों से भी आगे बढ़ चुका है और अंतर्राष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के अनुसार, यह अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन चुका है, जहां यात्रियों की संख्या के हिसाब से यह तगड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों पर भारत का विमानन उद्योग
भारत की विमानन क्षेत्र की वृद्धि और प्रतिस्पर्धा ने इसे वर्ल्ड थर्ड लैजेस्ट एयरलाइन मार्केट बना दिया है, जो वैश्विक यात्री यातायात की दृष्टि से उल्लेखनीय मील का पत्थर है। आईएटीए के अनुसार, भारत ने महामारी के पूर्व के स्तर को पार किया है, जिससे यह देश की अर्थव्यवस्था और यातायात के विकास की ओर एक मजबूत संकेत है।
महामारी के बाद वसूली में तेजी
महामारी के दौरान एयरलाइन सेक्टर को भारी नुकसान हुआ था, लेकिन अब भारत का विमानन उद्योग तेजी से उबर चुका है, और यात्रियों की बढ़ती संख्या ने इसे एक मजबूत स्थान पर पहुंचाया है। यह वृद्धि न केवल घरेलू उड़ानों में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में भी देखी जा रही है।
चुनौतियां: बढ़ते खर्च और कर संबंधित अनिश्चितताएं
हालांकि, IATA ने बढ़ते खर्च और कर नीति संबंधित अनिश्चितताओं को उद्योग के लिए मुख्य चुनौतियों के रूप में चिन्हित किया है। इस स्थिति से निपटने के लिए नीति में स्थिरता और कारोबारी अनुकूल माहौल की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
आगे की राह: वैश्विक विमानन बाजार में स्थिरता के प्रयास
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय विमानन क्षेत्र को नवीनतम चुनौतियों का सामना करते हुए, समान वृद्धि दर को बनाए रखने के लिए ठोस नीति समर्थन और कराधान में सुधार की आवश्यकता है।
समाप्ति: भारत का विमानन क्षेत्र आने वाले वर्षों में और भी प्रगति की ओर अग्रसर
भारत के विमानन क्षेत्र की बढ़ती ताकत और स्थिरता इसे वैश्विक विमानन बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बना रही है। हालांकि चुनौतियां मौजूद हैं, परंतु इस क्षेत्र की वृद्धि की दिशा बहुत आशाजनक है।









