
पेरिस। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) की महानिदेशक न्गोज़ी ओकोंजो-इवेला ने कहा है कि भारत को WTO में नेतृत्व की भूमिका निभानी चाहिए और अन्य विकासशील देशों के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। WTO की 14वीं मंत्रीस्तरीय बैठक (MC-14) 26 से 29 मार्च, 2026 के बीच कैमरून की राजधानी याओन्दे में आयोजित होगी।
पेरिस में पत्रकारों से बात करते हुए WTO प्रमुख ने कहा, “MC-14 के लिए हमें भारत की आवश्यकता है। भारत एक अग्रणी देश है और अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। अब भारत को दूसरे विकासशील देशों के लिए मार्ग खोलना चाहिए।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि WTO में सुधार की प्रक्रिया में भारत के मुद्दों — खासतौर पर कृषि — को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने भारत से Investment Facilitation for Development Agreement का समर्थन करने की अपील की, जिसे 126 भागीदार देशों में से 90 पहले ही समर्थन दे चुके हैं।
WTO प्रमुख ने कहा कि “हम भारत का समर्थन चाहते हैं क्योंकि यह समझौता विकासशील देशों के लिए मददगार होगा। लेकिन साथ ही, कृषि जैसे विषयों पर भारत की चिंताओं को भी समझना और समर्थन देना जरूरी है।”
पेरिस में OECD मंत्रीस्तरीय परिषद के दौरान आयोजित मिनी-मंत्रीस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए WTO महानिदेशक की यात्रा हुई है। इस बैठक में भारत, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर सहित करीब 25 देशों के वाणिज्य मंत्री शामिल हैं, और WTO में संभावित सुधारों को लेकर मंथन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक व्यापारिक व्यवस्था में जो विघटन हुआ है, वह WTO को सुधारने का अवसर प्रदान करता है। “3/4 वैश्विक व्यापार अब भी WTO के MFN नियमों के तहत होता है। लेकिन कुछ पहलू ऐसे हैं जो काम नहीं कर रहे। अब समय है कि WTO को नए सिरे से परिभाषित किया जाए। भारत, अमेरिका, अफ्रीका—हर किसी के मुद्दे खुले तौर पर सामने आने चाहिए और उनका समाधान WTO में सुधार के जरिए निकाला जाए,” उन्होंने कहा।









