
भारत की सर्विस सेक्टर ने मई 2025 में लगातार मजबूती का प्रदर्शन किया है। HSBC इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अप्रैल के 58.7 से बढ़कर 58.8 पर पहुंच गया है, जो तेज़ विस्तार को दर्शाता है। 50 से ऊपर का रीडिंग विकास को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे गिरावट को। इस बार की मजबूती का आधार था स्वस्थ मांग, प्रभावी विज्ञापन, और ग्राहकों की दोबारा खरीदारी। कई कंपनियों ने नए ग्राहक जोड़े और खासकर एशिया, यूरोप, और नॉर्थ अमेरिका से निर्यात आदेशों में वृद्धि देखी गई।
HSBC के चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट, प्रांजुल भंडारी के अनुसार, “मई में 58.8 का पीएमआई पिछले महीनों की स्थिरता के अनुरूप है। निरंतर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग ने सर्विसेज गतिविधियों को गति दी है।” मांग बढ़ने के कारण कंपनियों ने अपनी वर्कफोर्स का विस्तार रिकॉर्ड स्तर पर किया। लगभग 16% कंपनियों ने कर्मचारियों की भर्ती की, जबकि केवल 1% ने छंटनी की। यह सर्वेक्षण के इतिहास में सबसे तेज़ रोजगार सृजन दर है।
हालांकि कच्चे माल की कीमतें जैसे कुकिंग ऑयल, मांस और अन्य सामग्री की लागत बढ़ी, जिससे कंपनियों पर दबाव बढ़ा। आउटपुट चार्ज इन्फ्लेशन भी सामान्य से थोड़ी ऊपर रहा। इसके बावजूद, व्यवसाय भविष्य के प्रति आशावादी बने हुए हैं और वे उम्मीद करते हैं कि बढ़े हुए ग्राहक, बेहतर स्टाफिंग और लक्षित मार्केटिंग से उनकी गतिविधि में और तेजी आएगी।
HSBC इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स (मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज दोनों शामिल) मई में 59.3 पर रहा, जो अप्रैल के 59.7 से थोड़ा नीचे है, जिसका मुख्य कारण फैक्ट्री उत्पादन में नरमी है, जबकि सर्विस सेक्टर ने तेज़ी से बढ़त हासिल की।
यह सर्वेक्षण S&P ग्लोबल द्वारा किया गया, जिसमें लगभग 400 सर्विस सेक्टर कंपनियां शामिल थीं, जिनमें फाइनेंस, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन और रियल एस्टेट सेक्टर शामिल हैं।









