
बागपत में एक बार फिर पुलिस और अपराधियों के बीच आमना-सामना हुआ है। दरोगा की पिस्टल छीनकर भाग रहे कुख्यात बदमाश नवनीत को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद धर दबोचा है। घटना में बदमाश के पैर में गोली लगी है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूरी वारदात किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है, लेकिन यह हकीकत है।
यह पूरी घटना बिनोली थाना क्षेत्र की है, जहां 14 मई को सिरसली गांव में ग्राम प्रधान धर्मेंद्र तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में आरोपी नवनीत और अर्जुन फरार चल रहे थे। बिनोली थाना पुलिस नवनीत और अर्जुन को हरिद्धार से गिरफ्तार कर बागपत लाई थी। और वारदात में प्रयुक्त पिस्टल की बरामदगी के लिए पुलिस हत्या आरोपी नवनीत को खेत में लेकर गई थीं। जैसे ही हत्या में इस्तेमाल हुई पिस्टल बरामद हुई, आरोपी नवनीत ने मौके का फायदा उठाकर सब-इंस्पेक्टर दुर्गेश कुमार की सर्विस पिस्टल छीन ली और भागने लगा।
पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाला और चारों तरफ से घेराबंदी की गई। बदमाश नवनीत ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी, पुलिस की जवाबी कारवाई में नवनीत के पैर में गोली लगी और वह ज़मीन पर गिर पड़ा। पुलिस ने घायल बदमाश को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, पुलिस ने घटना के दौरान घायल बदमाश के पास से पुलिस से छीनी गई पिस्टल और एक ग्राम प्रधान की हत्या में प्रयुक्त पिस्टल को भी बरामद की है।
वहीं एएसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि दो बदमाश ग्राम प्रधान की हत्या की वारदात में शामिल थे ओर बदमाश आयुष तोमर का ग्राम प्रधान के चुनाव को लेकर रंजिश चली आ रही है जिसके चलते हत्या के मुख्य आरोपी आयुष का पिता का पिता भी कई वर्षो से जेल में बंद है |
बागपत पुलिस की यह कार्रवाई न केवल उनके साहस को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि अब अपराधियों के लिए यूपी की ज़मीन उतनी आसान नहीं रही। सवाल यह भी है कि अपराधियों में पुलिस का डर कब पूरी तरह लौटेगा?









