अगर अपहरण के बाद हत्या तो पुलिस अधिकारी जिम्मेदार! हाईकोर्ट ने पुलिस अफसरों को दी चेतावनी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस की लापरवाही पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर अपहरण के बाद हत्या होती है तो संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। वाराणसी कमिश्नर से मांगा गया व्यक्तिगत हलफनामा।

Uttar Pradesh: वाराणसी में एक युवक की गुमशुदगी मामले में पुलिस की लापरवाही पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि अगर अपहरण के बाद किसी की हत्या हो जाती है, तो उस क्षेत्र के संबंधित पुलिस अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

जब न्याय भी सवाल पूछता है

जब कोई परिवार अपने लापता सदस्य को लेकर थाने के चक्कर काट रहा हो और पुलिस टालमटोल करती रहे, तो इंसाफ की उम्मीद कहाँ से की जाए? कुछ ऐसा ही हुआ है वाराणसी के नितेश कुमार के साथ, जिसने अपने भाई की गुमशुदगी को लेकर अदालत की शरण ली। और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया — इतना कि अब खुद वाराणसी कमिश्नर से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा गया है।

पूरा मामला

याचिकाकर्ता नितेश कुमार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाई का अपहरण हो चुका है और वाराणसी पुलिस अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही।

इस पर जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस अनिल कुमार दशम की खंडपीठ ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा,पुलिस अधिकारी आमतौर पर खुद की बड़ी छवि बनाते हैं लेकिन शिकायतों से बचते हैं। अपहरण के मामलों में लापरवाही से अक्सर वही केस हत्या में बदल जाता है। जब तक व्यक्तिगत जवाबदेही तय नहीं होगी, ऐसी घटनाएं नहीं रुकेंगी।

अदालत ने कहा कि यदि अपहरण के बाद व्यक्ति की हत्या हो जाती है तो प्रथम दृष्टया उसके लिए संबंधित पुलिस अधिकारी जिम्मेदार माना जाएगा। अब हाई कोर्ट ने वाराणसी पुलिस कमिश्नर से 12 जून तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है, जिसमें उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि लापता व्यक्ति को अब तक क्यों नहीं खोजा गया।

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