
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तबादला सत्र के दौरान हुए भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के चलते योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए दो वरिष्ठ आईएएस अफसरों को पद से हटा दिया है। ये कार्रवाई तब सामने आई जब विभिन्न विभागों से जुड़ी तबादला प्रक्रिया में गड़बड़ियों की शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गईं।
🛑 ब्रेकिंग न्यूज़ | तबादलों में गड़बड़ी पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, दो अफसर हटाए गए.
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) June 19, 2025
उत्तर प्रदेश में तबादला सत्र के दौरान जमकर भ्रष्टाचार हुआ है।
कुछ विभाग अति की वजह से पकड़े गए। बाकी के भ्रष्टाचार छिप गए। दो IAS अधिकारी हटाए गए।
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आईजी स्टाम्प समीर वर्मा को पद से हटाकर वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया है। उनकी जगह प्रमुख सचिव अमित गुप्ता को आईजी स्टाम्प का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। समीर वर्मा पर स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन विभाग में बिना अनुमति कई तबादले करने के आरोप लगे थे।
दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रशासन भवानी सिंह खंगारौत को भी तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है। आरोप है कि उनकी भूमिका की वजह से पूरे विभाग का तबादला सत्र शून्य पर आ गया, यानी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। अब आर्यका अखौरी को निदेशक प्रशासन (स्वास्थ्य) का नया जिम्मा सौंपा गया है।
इन कार्रवाईयों के बाद सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। अफसरों के तबादलों को लेकर कहा जा रहा है कि हर साल की तरह इस बार भी पैसों के दम पर पोस्टिंग और ट्रांसफर तय किए गए। कुछ विभाग अपनी “अति” के चलते पकड़े गए, बाकी अब भी सुरक्षित हैं।
सरकार पर यह भी आरोप लग रहा है कि वह बार-बार दागी अफसरों को ही जिम्मेदार पदों पर तैनात करती है और जब कोई विवाद होता है, तभी उन्हें हटाया जाता है – कुछ समय बाद फिर से बहाली भी हो जाती है।
इस बार के ट्रांसफर सीजन में अधिकारियों और मंत्रियों ने सारी सीमाएं लांघ दीं, जो योगी सरकार की छवि को गहरा झटका देने वाला मामला बनता जा रहा है।









