
नई दिल्ली: भारत की समुद्री सुरक्षा और तटीय निगरानी क्षमता को एक बड़ा बल मिला है। भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) ने गुरुवार को ‘अदम्य’ (Adamya) नामक फास्ट पेट्रोल वेसल (FPV) को सेवा में शामिल किया।
यह पोत गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे 08-FPV प्रोजेक्ट की पहली कड़ी है।
क्या है ‘अदम्य’ की खासियत?
- अत्याधुनिक नेविगेशन और संचार प्रणाली से लैस
- तेज गति से उथले पानी में संचालन की क्षमता
- तटीय और ऑफशोर पेट्रोलिंग, सर्च एंड रेस्क्यू, कानून प्रवर्तन और तस्करी रोकथाम जैसे मिशनों में दक्ष
- विशेष इंटरसेप्शन उपकरण, जिससे संदिग्ध जहाजों का पीछा और गिरफ्तारी संभव
- पर्यावरण संरक्षण और अवैध मछली पकड़ने पर निगरानी में भी सक्षम
राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक महत्व
भारत की 7,500 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा और विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा में ‘अदम्य’ जैसे पोत अहम भूमिका निभाएंगे।
पाइरेसी, हथियारों की तस्करी और अवैध मछली पकड़ने जैसी बढ़ती समुद्री चुनौतियों के बीच यह कदम तटरक्षक बल की तत्परता और तकनीकी क्षमता को और मजबूती देता है।
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भरता की मिसाल
- ‘अदम्य’ का निर्माण पूरी तरह से गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है।
- पोत में 60% से अधिक स्वदेशी उपकरणों का प्रयोग हुआ है।
- यह परियोजना स्थानीय रोजगार, स्किल डेवेलपमेंट और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा देगी।
बाकी 7 पोत जल्द सेवा में
अधिकारियों के अनुसार, प्रोजेक्ट के तहत बाकी 7 फास्ट पेट्रोल वेसल्स को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा। यह भारत के तटीय सुरक्षा तंत्र को और भी सशक्त बनाएगा।








