
नई दिल्ली: हाईवे उपयोगकर्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने नई टोल दर नीति को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत ऐसे हाईवे, रिंग रोड्स या बाईपास, जिन पर कुल लंबाई का 50% से अधिक हिस्सा फ्लाईओवर, टनल या अंडरपास से बना है, वहां टोल आधा कर दिया गया है।
अब तक ऐसे स्ट्रेच पर सामान्य टोल से 10 गुना शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब इसे अधिकतम 5 गुना तक सीमित कर दिया गया है। इस बदलाव की औपचारिक अधिसूचना अगले कुछ दिनों में जारी होगी।
कैसे होगा असर?
उदाहरण के तौर पर —
- द्वारका एक्सप्रेसवे (28.5 किमी) जिसमें से 21 किमी संरचनाएं हैं, पर वर्तमान में कार से एकतरफा यात्रा पर ₹317 टोल देना पड़ता है।
- नई दरों के तहत यह घटकर ₹153 रह जाएगा — यानि 50% से भी कम।
व्यावसायिक और भारी वाहनों को होगा अधिक लाभ
हालांकि निजी कारों के लिए वार्षिक टोल पास योजना पहले से प्रस्तावित है, फिर भी यह नीति व्यावसायिक वाहनों, ट्रकों और बसों के लिए सीधा लाभ लेकर आएगी।
पुरानी बनाम नई टोल गणना (NH Fee Rules):
| स्ट्रक्चर | पुरानी दर | नई दर (कैप) |
|---|---|---|
| फ्लाईओवर/टनल प्रति किमी | 10x सामान्य टोल | 5x तक सीमित |
| सामान्य हाईवे प्रति किमी | 1x | 1x |
इन शहरी क्षेत्रों में मिलेगी सबसे बड़ी राहत:
- द्वारका एक्सप्रेसवे (दिल्ली-गुरुग्राम)
- लखनऊ रिंग रोड
- जयपुर बाईपास
- बेंगलुरु फ्लाईओवर नेटवर्क
सरकार का उद्देश्य:
“शहरी और पड़ोसी शहरों के बीच हाईवे ट्रैफिक को सुगम बनाना, भारी टोल का बोझ कम करना और पारगमन को किफायती बनाना।”









