
2024-25 में ₹22.08 लाख करोड़ का रिकॉर्ड संग्रह, टैक्स बेस में भी बड़ी बढ़त
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2024-25 में भारत सरकार को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत ₹22.08 लाख करोड़ का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ है। यह आंकड़ा वर्ष 2020-21 के ₹11.37 लाख करोड़ के मुकाबले दोगुना है, जो बीते पांच वर्षों में जीएसटी प्रणाली की मजबूती को दर्शाता है।
हर महीने औसतन ₹1.84 लाख करोड़ का संग्रह
वर्ष 2024-25 में मासिक औसत संग्रह ₹1.84 लाख करोड़ रहा, जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के ₹1.68 लाख करोड़ और 2022-23 के ₹1.51 लाख करोड़ से अधिक है। अप्रैल 2025 में मासिक संग्रह ₹2.37 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, जबकि मई 2025 में यह ₹2.01 लाख करोड़ रहा।
टैक्स बेस में हुआ दोगुना इजाफा
जीएसटी लागू होने के बाद से करदाताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। 2017 में 65 लाख रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स थे, जो अब 2025 में बढ़कर 1.51 करोड़ से अधिक हो चुके हैं।
सरल और पारदर्शी टैक्स व्यवस्था का असर
सरकार के अनुसार, “जीएसटी के लागू होने के बाद से भारत की फिस्कल स्थिति मजबूत हुई है और अप्रत्यक्ष कर प्रणाली अधिक पारदर्शी और कुशल बनी है।” 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ जीएसटी अब 17 स्थानीय कर और 13 उपकरों को समाहित कर चुका है।
2025 में जीएसटी के 8 साल पूरे
1 जुलाई को जीएसटी की आठवीं वर्षगांठ है। इस अवसर पर केंद्र सरकार ने टैक्स रिफॉर्म के इस सबसे बड़े कदम को भारत की आर्थिक रीढ़ बताते हुए आगे और सुधारों का संकेत दिया है।









