
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने मंगलवार, 1 जुलाई को एक नया स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट अपने बेड़े में शामिल किया। INS Tamal (F71) को रूस के यंतर शिपयार्ड, कलिनिनग्राड में आयोजित एक औपचारिक समारोह में कमीशन किया गया। यह युद्धपोत भारत और रूस के बीच छह दशकों से अधिक समय से चल रहे सैन्य सहयोग की एक और अहम कड़ी है। साथ ही, यह विदेश में बना नौसेना का अंतिम बड़ा युद्धपोत है, क्योंकि अब रक्षा मंत्रालय ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्वदेशी निर्माण पर फोकस कर रहा है।
INS Tamal, प्रोजेक्ट 1135.6 (तालवर क्लास) की आठवीं और तुशील-क्लास की दूसरी कड़ी है। इससे पहले के सात युद्धपोत भारतीय नौसेना की वेस्टर्न फ्लीट में तैनात हैं। यह फ्रिगेट चारों युद्धक्षेत्र—हवा, सतह, पानी के नीचे और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर में कार्रवाई करने में सक्षम है। इस युद्धपोत की कमान कैप्टन श्रीधर टाटा के पास है, जो गनरी और मिसाइल युद्ध विशेषज्ञ हैं।
कमीशनिंग समारोह में भारत और रूस दोनों की नौसेनाओं के जवानों ने संयुक्त गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया। रूस के बाल्टिक नेवल फ्लीट के अधिकारी और भारत के वाइस एडमिरल संजय जसजित सिंह, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे, दोनों ने इस युद्धपोत को द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का प्रतीक बताया।
वाइस एडमिरल आर. स्वामीनाथन ने कहा कि INS Tamal भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की गहराई को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि यह पिछले 65 वर्षों में दोनों देशों की साझेदारी में बना 51वां युद्धपोत है। समारोह में रूस के सैन्य तकनीकी सहयोग विभाग के उप प्रमुख मिकाएल बाबिच ने भी हिस्सा लिया और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे नौसैनिक सहयोग को रेखांकित किया।
INS Tamal की सबसे खास बात यह है कि भले ही इसे रूस में बनाया गया है, लेकिन इसमें 26% स्वदेशी उपकरण शामिल हैं। इनमें लंबी दूरी तक मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और HUMSA-NG सोनार सिस्टम जैसी उन्नत भारतीय तकनीकें भी शामिल हैं। वाइस एडमिरल संजय जसजित सिंह ने बताया कि इस श्रेणी के अगली दो युद्धपोतों का निर्माण भारत में ही किया जा रहा है, जिससे संयुक्त निर्माण क्षमता को और मजबूती मिलेगी।
INS Tamal को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया है। इसमें ड्यूल-रोल ब्रह्मोस मिसाइल, लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली वर्टिकल लॉन्च मिसाइलें, 100 मिमी मेन गन, 30 मिमी क्लोज-इन वेपन सिस्टम, एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर और हैवीवेट टॉरपीडो लगे हैं। इसके अलावा जहाज में न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल (NBC) सुरक्षा के लिए उन्नत ऑटोमेटेड सिस्टम भी लगे हैं, जो किसी भी आपात स्थिति में नियंत्रण केंद्र से संचालित किए जा सकते हैं।
INS Tamal जल्द ही अपने होमपोर्ट करवार (कर्नाटक) के लिए रवाना होगा, जहां यह भारतीय नौसेना की समुद्री रणनीति को और मजबूती देगा। इसकी तैनाती से न केवल वेस्टर्न नेवल कमांड की शक्ति बढ़ेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाया गया एक और बड़ा कदम भी साबित होगा।









