धर्म संकट में मैं संविधान का रास्ता चुनता हूँ – CEC ज्ञानेश कुमार

फ़िरोज़ाबाद। बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट विवाद के बीच, भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार का एक बड़ा और स्पष्ट बयान सामने आया है। फ़िरोज़ाबाद में भारत समाचार से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा जब धर्म संकट जैसा कोई फैसला होता है, तब मैं सिर्फ संविधान देखता हूँ। जो संविधान के अनुरूप है, वही मेरे लिए सही है।

यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज़ है। CEC का यह वक्तव्य न केवल उनकी संवैधानिक निष्ठा को दर्शाता है, बल्कि देश की चुनावी प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता की reaffirmation भी करता है।

ननिहाल में भावुक हुए CEC – परिवार के साथ छदामी लाल जैन मंदिर पहुँचे

अपनी निजी यात्रा के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार फ़िरोज़ाबाद के प्रसिद्ध छदामी लाल जैन मंदिर पहुँचे। यह मंदिर उनके ननिहाल क्षेत्र में स्थित है। मंदिर दर्शन के बाद उन्होंने कहा यह मेरी ननिहाल है, मैं यहाँ खेला हूँ। परिवार ही सब कुछ होता है। इस दौरान वे बेहद भावुक नज़र आए और अपने पारिवारिक मूल्यों की झलक भी दी। उनकी यह यात्रा धार्मिक श्रद्धा के साथ-साथ निजी जुड़ाव को भी दर्शाती है।

संविधान, परंपरा और परिवार – तीनों का संतुलन

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं जहाँ एक ओर वे संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय परंपरा, धार्मिक आस्था और पारिवारिक मूल्यों से भी जुड़े हुए हैं। भारत जैसे विविधता भरे देश में चुनाव आयोग जैसी संस्था के प्रमुख का ऐसा संतुलन देश की लोकतांत्रिक नींव को और भी मज़बूत करता है।

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