
लखनऊ/ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को साफ चेतावनी दी है कि आवंटियों की शिकायतों और आवेदनों के समयबद्ध निस्तारण में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कोई शिकायत जानबूझकर लंबित रखी गई या निपटारे में ढिलाई बरती गई तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शुक्रवार को प्राधिकरण के बोर्ड रूम में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मंत्री ने कहा कि शहर को स्मार्ट, हरित और उत्तरदायी बनाना सरकार की प्राथमिकता है, जिसके लिए अधिकारियों को जमीन पर काम करना होगा। बैठक की शुरुआत शाम चार बजे हुई, जिसमें प्राधिकरण के सीईओ एन. जी. रवि कुमार ने विकास परियोजनाओं से लेकर भूमि उपयोग तक की विस्तृत रिपोर्ट पेश की।
स्टाफ की कमी को मिलेगा समाधान
प्राधिकरण में स्टाफ की कमी की समस्या पर भी मंत्री ने तत्काल समाधान का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रतिनियुक्ति के माध्यम से नई तैनातियों की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी, ताकि काम में कोई बाधा न आए।
हरियाली पर विशेष फोकस, शहर की सुंदरता बढ़ाने पर जोर
ग्रीन ग्रेटर नोएडा की दिशा में कदम बढ़ाते हुए मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर की सुंदरता बनाए रखने के लिए कंटीली तारों की जगह आकर्षक ग्रिल लगाई जाए और पेड़ों की समरूप छंटाई कराई जाए। इसके साथ ही उन्होंने ठेकेदारों की जवाबदेही तय करने का भी निर्देश दिया। हर सेक्टर में बोर्ड लगाकर ठेकेदार और सुपरवाइज़र का नाम और मोबाइल नंबर सार्वजनिक करने को कहा गया, ताकि नागरिक सीधे संवाद कर सकें।
अतिक्रमण पर सख्त रुख
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर मंत्री सख्त नजर आए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई की जाए और अतिक्रमणकारियों को किसी भी हालत में बख्शा न जाए।
बैठक में शामिल रहे अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में सीईओ एन. जी. रवि कुमार के साथ एसीईओ सौम्या श्रीवास्तव, श्रीलक्ष्मी वीएस, सुमित यादव, ओएसडी गुंजा सिंह, गिरीश कुमार झा, एनके सिंह, परियोजना महाप्रबंधक ए.के. अरोड़ा, लीनू सहगल और ओएसडी राम नयन सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।









