
नई दिल्ली। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने मंगलवार को लोकतंत्र की मजबूती को लेकर बड़ा और स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “शुद्ध और त्रुटिरहित मतदाता सूची ही लोकतंत्र की नींव को मजबूत करती है।” उनके अनुसार, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की पहली शर्त “Pure Electoral Rolls” हैं, और चुनाव आयोग इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित कर रहा है।
देशभर में मतदाता सूची की शुद्धता पर ज़ोर
मुख्य चुनाव आयुक्त का यह बयान उस समय आया है जब बिहार सहित देश के विभिन्न राज्यों में Special Intensive Revision (SIR) अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य डुप्लिकेट नामों को हटाना, मृत मतदाताओं का नाम सूची से निकालना, नए मतदाताओं को जोड़ना और प्रवासियों की सही जानकारी दर्ज करना है।
पारदर्शिता के लिए तकनीकी उपाय
ज्ञानेश कुमार ने यह भी बताया कि आयोग अब डिजिटल सत्यापन, आधार से लिंकिंग, और जिओ-टैगिंग जैसे तकनीकी उपायों के माध्यम से मतदाता सूचियों को और अधिक त्रुटिरहित बनाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि गुणवत्ता पर भी फोकस ज़रूरी है। मतदाता सूची में एक भी फर्जी नाम लोकतंत्र की पारदर्शिता को प्रभावित करता है।
लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने की पहल
CEC ने यह भी जोड़ा कि भारत जैसे विशाल और विविधता भरे लोकतंत्र में शुद्ध मतदाता सूची का महत्व और बढ़ जाता है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने मतदाता विवरण की जांच करें और ज़रूरत पड़ने पर उसे अपडेट भी करें।









