Meerut Kanwar Yatra : दांतों से खींच रहे 101 लीटर गंगाजल…गुर्जर ने उठाई गौ माता को राष्ट्रीय माता बनाने की मांग

Unique Kanwar Yatra of Rutba Gurjar of Meerut. श्रावण मास में कांवड़ यात्रा भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक मानी जाती है, लेकिन मेरठ के छत्रीगढ़ गढ़ी गांव निवासी रुतबा गुर्जर ने इस बार अपनी यात्रा को अनोखी मिशन यात्रा बना दिया है। बजरंग दल से जुड़े रुतबा गुर्जर ने दांतों से बुग्गी खींचकर 101 लीटर गंगाजल हरिद्वार से लेकर चलने का संकल्प लिया है।

यह बुग्गी कोई साधारण वाहन नहीं, बल्कि गंगाजल से भरी पवित्र कांवड़ है जिसे रुतबा हर दिन करीब 10 किलोमीटर खींचते हैं। इस कठिन यात्रा का उद्देश्य केवल भोलेनाथ को जल चढ़ाना नहीं, बल्कि गौ माता को ‘राष्ट्रीय माता’ का दर्जा दिलाने की आवाज को राष्ट्रव्यापी बनाना है।

दांतों से 200 किलो वजन उठाने की क्षमता

रुतबा गुर्जर कोई आम भक्त नहीं। पहलवानी में निपुण, अखाड़े में पसीना बहाने वाले इस किसान परिवार के बेटे ने अब तक फॉर्च्यूनर, ट्रैक्टर, स्कॉर्पियो और कैंटर जैसी भारी गाड़ियां भी दांतों से खींची हैं। वह दावा करते हैं कि वे 200 किलो तक का वजन दांतों से उठा सकते हैं और 50 किलो वजन उठाकर 1 किलोमीटर की दौड़ केवल 6 मिनट 6 सेकंड में पूरी कर सकते हैं।

हरियाणा से आई बजरंग दल की टीम साथ में

रुतबा की इस खास यात्रा में हरियाणा से आई बजरंग दल की आठ सदस्यीय टीम भी साथ है। यह पूरी यात्रा लगभग 180 किलोमीटर लंबी है, जिसमें रुतबा दांतों से बुग्गी खींचते हुए गंगाजल लेकर अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे।

आठ वर्षों से कठिन साधना में लगे हैं रुतबा

रुतबा बताते हैं कि पिछले आठ सालों से वह इस तरह की कठिन साधना कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक गौ माता को संविधानिक रूप से ‘राष्ट्रीय माता’ का दर्जा नहीं मिल जाता, तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

भक्ति और राष्ट्रभक्ति का अनोखा संगम

जहां अधिकतर लोग कांवड़ यात्रा को केवल धार्मिक परंपरा के रूप में निभाते हैं, वहीं रुतबा गुर्जर की यह यात्रा भक्ति के साथ-साथ सामाजिक चेतना और राष्ट्र प्रेम का भी प्रतीक बन गई है। 101 लीटर गंगाजल, दांतों की ताकत और गौ माता के लिए समर्पण – यह संयोजन हर किसी को प्रेरणा देने वाला है।

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