सावन में बंद हो गए वाराणसी में मीट और मांस की दुकान, जानिए क्या है वजह…

वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में सावन में प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंच रहे है। ऐसे में वाराणसी नगर निगम ने सावन के महीने में श्रद्धालुओं को खुशखबरी देते हुए मीट – मांस और मछली की बिक्री पर रोक लगा दिया है। नगर निगम क्षेत्र के करीब एक हजार दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया है। वाराणसी महापौर अशोक तिवारी और नगर आयुक्त के साथ कार्यकारणी की बैठक में घंटों समीक्षा के बाद सावन में मीट – मांस और मछली की दुकानों को पूर्णतः बंद करने का आदेश दिया गया है।

पशु चिकित्सा अधिकारी को मिली मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी…

वाराणसी नगर निगम क्षेत्र में सावन के महीने में मीट -मांस और मछली की दुकान को बंद करने का आदेश के साथ ही इसकी कड़ाई से मॉनिटरिंग किया जाएगा। वाराणसी नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि आदेश का कड़ाई से पालन करवाने के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पशु चिकित्सा अधिकारी मॉनिटरिंग के साथ ही प्रतिदिन आदेश का पालन करवाने के लिए स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे।

मीट – मांस की बिक्री करने पर होगी मुकदमे की कार्रवाई…

नगर निगम वाराणसी के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि नगर निगम परिक्षेत्र में किसी भी प्रकार से मीट – मांस और मछली की बिक्री नहीं की जाएगी। यदि प्रतिबन्ध के बाद भी ऐसा कोई करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ नगर निगम जुर्माने के साथ सख्त कार्रवाई किया जाएगा। यदि इसके बाद भी वह नहीं मानते तो बिक्री करने वालो पर पशु क्रूरता के तहत उक्त थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज किए जाने की कार्रवाई किया जाएगा। गौरतब है कि काशी मंदिरों का शहर है और सावन में बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर सहित तमाम देवालय और शिवालयों में लाखो कावड़िया सावन में दर्शन पूजन करते है, इसके साथ ही पैदल आने वाले कावड़िया शहर के तमाम क्षेत्रों में लगे शिविर में रुकते है। ऐसे में नगर निगम ने इन बातों का ध्यान रखते हुए नगर निगम कार्यकारणी की बैठक में मिले प्रस्ताव पर महापौर ने एक महीने मीट -मांस और मछली की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया। बता दें कि महाकुंभ के दौरान भी वाराणसी नगर निगम ने मीट – मांस और मछली की दुकानों को बंद करवाया था और आदेश न मानने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।

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