
Baghpat: सावन के इस पावन महीने में जहां देशभर में भोलेनाथ के भक्त कांवड़ यात्रा पर निकले हैं, वहीं बागपत में आज एक अनोखी कांवड़ चर्चा का विषय बन गई। यह कांवड़ कोई आम कांवड़ नहीं, बल्कि एक संदेशवाहक है—डर नहीं, अब श्रद्धा जागेगी।
दिल्ली के नरेला स्थित लामपुर गांव से आए हिमांशु और उनके साथी हर साल की तरह इस बार भी हरिद्वार से गंगाजल लेने निकले, लेकिन इस बार उनका तरीका बेहद खास और भावुक था। उन्होंने गंगाजल को किसी पारंपरिक बर्तन में नहीं, बल्कि नीले ड्रम में भरा—और वह भी पूरे 120 लीटर। उनका उद्देश्य सिर्फ भगवान शिव का जलाभिषेक करना नहीं, बल्कि समाज के उस डर को खत्म करना है, जो मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड के बाद लोगों के मन में डर कर गया।
गौरतलब है कि मेरठ में हुई इस दर्दनाक घटना में हत्या के लिए एक नीले ड्रम का इस्तेमाल हुआ था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर नीले ड्रम को लेकर भय का माहौल बन गया। कई लोग तो अपने घरों से नीले ड्रम फेंकने लगे थे।
हिमांशु और उनके साथी ने इसी सामाजिक डर को खत्म करने की ठानी। उन्होंने हरिद्वार से नीले ड्रम में गंगाजल भरकर कांवड़ उठाई ताकि लोगों को यह अहसास हो कि कोई वस्तु बुरी नहीं होती, नीयत और सोच मायने रखती है।
इन भक्तों का कहना है कि वे 23 जुलाई को अपने गांव के शिव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे और इस नीले ड्रम के जल को श्रद्धालुओं में वितरित करेंगे। साथ ही भोलेनाथ से प्रार्थना करेंगे कि समाज में इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों और लोगों को सद्बुद्धि मिले।
यह अनोखी कांवड़ आज न सिर्फ आस्था की प्रतीक बनी, बल्कि सामाजिक सुधार और सकारात्मक सोच की भी मिसाल बन गई।









