
हर वर्ष महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि पर रखा जाता है। महाशिवरात्रि के पर्व को देवाधिदेव महादेव के पूजन का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस दिन शिव भक्त भगवान शिव की कृपा पाने के लिए विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। वैसे तो हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शविरात्रि का व्रत रखा जाता है। महाशिवरात्रि सभी शिवरात्रियों में बड़ी होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था।
वही, लखनऊ में शिवरात्रि के महापर्व पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखाई दी। सुबह 3 बजे से दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाईन लगी। लखनऊ के प्रसिद्ध बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखाई दी। प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतज़ाम किए गए।
बता दें, प्रयागराज में आज माघ मेले का अंतिम स्नान पर्व है। छठवे स्नान पर्व पर श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी। माघ मेले का आज औपचारिक समापन हो जाएगा। महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ माघ मेले का समापन होगा। शिवालय में भी भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे। शिवालय में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
वाराणसी में भी आज महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर में भीड़ उमड़ी। काशी विश्वनाथ मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। विश्वनाथ मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की लगी लंबी कतार लगी। बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालु लाइन में लगे। महाशिवरात्रि पर काशी में भगवान शिव की बारात निकलती है। बाबा श्री काशी विश्वनाथ में भक्तों को मिल रहा है सुगम दर्शन।









