बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है “PANTS RULE”, पेरेंट्स जरूर सिखाएं ये 5 बातें

आज के समय में बच्चों की सुरक्षा को लेकर माता-पिता बेहद चिंतित रहते हैं, खासकर बेटियों को लेकर। जब तक बच्ची घर न लौट आए, तब तक उन्हें किसी अनहोनी का डर सताता रहता है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2021 में भारत में 31,677 रेप केस दर्ज हुए, यानी रोजाना औसतन 86 मामले। इनमें से 28,147 मामलों में आरोपी पीड़िता का जानकार था। यह तथ्य बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सोच की मांग करता है।

ऐसे में जरूरी है कि बच्चे, चाहे बेटी हो या बेटा, उन्हें शुरुआत से ही सुरक्षा से जुड़ी बातें सिखाई जाएं। इसके लिए “PANTS RULE” एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका है।

P – Private Parts: बच्चों को शरीर के प्राइवेट हिस्सों के बारे में बताएं और समझाएं कि कोई भी उन्हें नहीं छू सकता, चाहे वह करीबी ही क्यों न हो। डॉक्टर को भी ऐसा करने से पहले अनुमति लेनी चाहिए।

A – Always Remember: बच्चों को सिखाएं कि उनका शरीर सिर्फ उनका है। अगर कोई कुछ ऐसा करने की कोशिश करे जिससे वह असहज महसूस करें, तो तुरंत विरोध करें और बताएं।

N – No Means No: ‘ना’ कहने का हक बच्चों को है। उन्हें सिखाएं कि किसी भी स्थिति में जब वे गलत महसूस करें, तो वे साफ तौर पर ‘ना’ कहें।

T – Talk: बच्चों को प्रोत्साहित करें कि वे हर बात अपने माता-पिता से साझा करें – चाहे वह परेशानी हो, डर हो या कोई अजीब व्यवहार।

S – Speak Up: बच्चों को समझाएं कि चुप रहने से कोई मदद नहीं मिलेगी। वे किसी भी गलत व्यवहार की जानकारी तुरंत पेरेंट्स को दें।

बच्चों की सुरक्षा की शुरुआत घर से होती है। “PANTS RULE” उन्हें आत्मनिर्भर और सतर्क बनाने का एक अहम कदम है।

Related Articles

Back to top button