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कर्तव्य पथ पर बना ‘सुपर ऑफिस’! देखिए PM मोदी ने कैसे किया नए सचिवालय का उद्घाटन

PM मोदी ने दिल्ली में कर्तव्य पथ पर बने कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया। जानिए इस हाई-टेक सरकारी इमारत को किसने बनाया, कितनी लागत आई और इसमें कौन-कौन से मंत्रालय होंगे।

PM Modi Inaugurates Kartavya Bhavan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर बने कर्तव्य भवन (Central Secretariat – CCS) का उद्घाटन किया। यह इमारत सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है और सरकार की नई सोच “संगठित, डिजिटल और टिकाऊ प्रशासन” का प्रतीक मानी जा रही है।

फिलहाल कर्तव्य भवन-3 पूरी तरह बनकर तैयार है। जबकि कर्तव्य भवन-1 और 2 भी इसी महीने तक पूरा हो जाएंगे। इन तीनों बिल्डिंग्स को मिलाकर बनने वाली यह जगह अब देश के कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का नया पता बनेगी।

किसने बनाया और कितनी आई लागत?

कर्तव्य भवन 1, 2 और 3 का निर्माण कार्य साल 2021 में शुरू हुआ था। इसे बनाने का ठेका लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने 3,141.99 करोड़ रुपये की लागत से जीता था।

यह प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान का हिस्सा है, जिसके तहत पहले राजपथ का नवीनीकरण किया गया और उसका नाम कर्तव्य पथ रखा गया। फिर नई संसद भवन बनी, उपराष्ट्रपति निवास तैयार हुआ और अब प्रधानमंत्री के नए आवास और कार्यालय पर काम चल रहा है।

क्या है कर्तव्य भवन-3 की खासियत?

  • कुल फ्लोर: 7 (Ground + 6)
  • कुल एरिया: 1.5 लाख वर्ग मीटर
  • पार्किंग: 600 गाड़ियां
  • सुविधाएं:
    • वर्क हॉल्स
    • योगा सेंटर
    • क्रैच
    • मेडिकल रूम
    • कैफे
    • 24 बड़े और 26 छोटे कॉन्फ्रेंस हॉल
    • 67 मीटिंग रूम, 27 लिफ्ट, 2 एस्केलेटर

कौन-कौन से मंत्रालय होंगे यहां?

कर्तव्य भवन-3 में ये मंत्रालय शिफ्ट किए जाएंगे:

  • गृह मंत्रालय
  • विदेश मंत्रालय
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय
  • एमएसएमई मंत्रालय
  • कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT)
  • पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
  • प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) का कार्यालय

कर्तव्य भवन-1 में वित्त मंत्रालय और उससे जुड़ी यूनिट्स जैसे कि प्रिंटिंग प्रेस को स्थान मिलेगा।

क्या है आगे की योजना?

  • इस योजना में कर्तव्य पथ के दोनों किनारों पर कुल 10 इमारतें बननी हैं।
  • फिलहाल CCS 6, 7 और 10 का निर्माण कार्य जारी है।
  • बाकी इमारतों के प्रोजेक्ट्स की शुरुआत अभी नहीं हुई है।
  • ये सभी पुराने भवनों जैसे शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन की जगह लेंगे, जो 1950-70 के दशक में बने थे और अब आधुनिक ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

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